महंत तो खेद व्यक्त कर दिये लेकिन मोदी कब माफी मांगेगे – धनंजय सिंह

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने खेद प्रकट कर दिए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अमर्यादित बयानों के लिये कब माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा कि चरणदास महंत ने चुनावी सभा में छत्तीसगढ़ी हाना के साथ मोदी सरकार की कुनीतियों पर कड़ा प्रहार किए थे. स्थानीय लोकोक्ति  को भाजपा नेता समझ नहीं पाए और छत्तीसगढ़ी हाना को लेकर आपत्ति दर्ज काराये. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने खेद व्यक्त करते हुए राजनीति की सुचिता और मर्यादा का पालन किये लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन और सदन के बाहर कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ जो अमर्यादित टीका टिप्पणी किये उस पर अब तक खेद व्यक्त क्यों नहीं किये ? यही बीजेपी और कांग्रेस के नेता में अंतर है कांग्रेस के नेता सभी का मान सम्मान करते हैं और भाजपा के नेता सभी को अपमानित करते हैं और अपना अहंकार दिखाते हैं.

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने एक सांसद की दिवंगत पत्नी को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, संसद के भीतर महिला सांसद को सुर्पनखा,शहीद परिवार की एक सर्वमान्य नेत्री को कांग्रेस की विधवा और जर्सी गाय कहकर अपमानित किया.पूर्व प्रधानमंत्री और विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को रेनकोट पहनकर नहाने की बात कहकर मजाक बनाया.निर्वाचित मुख्यमंत्री को मायावी राक्षस बताया एवं विदेश में जाकर भारत मे जन्म लेना पाप है कह कर भारत माता की मान सम्मान एवं 144 करोड़ भारतीयों के मान सम्मान को चोट पहुंचाया. क्या नरेंद्र मोदी को अपने इस वक्तव्य के लिए देश और विपक्षी दल के नेताओं से माफी नहीं मांगनी चाहिए?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं बल्कि भाजपा के कई नेताओं ने भी सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व प्रधानमंत्रियों, संत महात्माओं के खिलाफ अपमानित करने वाले टीका टिप्पणी किये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने तो विपक्षी दल के नेताओं के अलावा डॉक्टर, सीए, किसान, व्यापारी, छात्रों को खिलाफ भी अनर्गल बयानबाजी किये. लेकिन आज तक उनसे भी खेद प्रकट नहीं किए हैं. भाजपा नेताओं को चरणदास महंत से सीखना चाहिए. गलती ना हो तब भी अगर आपत्ति आए तो खेद व्यक्त करना चाहिए. लेकिन यह संस्कार भाजपा नेताओं में नहीं दिखता है.

 

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