महिला बाल विकास परियोजना बकावंड के कर्मी का ऐसा जलवा!

 

0 सहायक ग्रेड-1 शिंदे की अधीक्षक पद पर 8 साल तैनाती, वेतन बकावंड से 
(अर्जुन झा) बकावंड। महिला एवं बाल विकास विभाग जगदलपुर के शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह बालक, शासकीय प्लेस ऑफ सेफ्टी, शासकीय विशेष गृह बालक जगदलपुर ये तीनों संस्थाओ में 9 अगस्त 2016 से आज तक प्रकाश शिंदे प्रभारी अधीक्षक के रूप में पदस्थ है

इनके जगह मंत्रालय से जारी ट्रांसफर आदेश में श्रीमती एलिजाबेथ टोप्पो जी को शासकिय संप्रेक्षण गृह बालक जगदलपुर अधीक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है श्रीमती टोप्पो द्वारा 27/ दिसंबर 2024 को प्रभार ग्रहण तो कर लिया गया है परंतु पूर्व अधीक्षक भारमुक्त नही हो रहे हैं एवं अन्य दो संस्थाओ शासकीय बाल प्लेस ऑफ सेफ्टी एवं शासकीय विशेष गृह बालक जगदलपुर अलग कर उनका अधीक्षक बने रहना चाहते हैं। जबकि वे अधीक्षक के पद पर पदस्थ होने की योग्यता नही रखते। उनका मूल पद एकिकृत बाल विकास परियोजना बकावंड 2 जिला बस्तर में सहायक ग्रेड-1 है। जिला कार्यकम्र अधिकारी हेमंत कुमार साहू जगदलपुर द्वारा उन्हें भार मुक्त नही किया जा रहा और अपने निजी स्वार्थ के चलते उन्हें वापस मूल पदास्थपना स्थल बकावंड नही भेजा जा रहा है। जिससे विभाग एवं शासन की छवि धूमिल हो रही है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक प्रकाश शिंदे अभी भी विकासखंड बकावंड में एकीकृत बाल विकास परियोजना-2 में सहायक ग्रेड पर हैं और उनका वेतन आज बकावंड से ही आहरित हो रहा है। अपने कांग्रेसी आकाओं के दम पर शिंदे पिछले आठ साल से जिला मुख्यालय में सेवा दे रहे हैं। उनका वेतन बकावंड से ही बनता है। सत्ता बदल गई, मगर अधिकारियों का नजरिया नहीं बदल पाया है। एकीकृत बाल विकास परियोजना-2 बकावंड के सहायक ग्रेड 1 प्रकाश शिंदे करीब 8 वर्ष से जगदलपुर स्थित शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह बालक, प्लेस ऑफ विशेष बालक गृह जगदलपुर में बतौर अधीक्षक कार्यरत हैं। बीते 8 साल से कई अधिकारी व प्रभारी आए और चले गए, मगर सहायक ग्रेड-1 प्रकाश शिंदे को कोई टस से मस नहीं कर सका। यह समझ से परे है कि आखिर किस खूबी के कारण उन्हें उच्च अधिकारी उनके मूल विभाग पर वापस क्यों नहीं भेज रहे हैं? जानकार सूत्र ने बताया कि सेटिंग का काम बड़ी समझदारी से करने में प्रकाश शिंदे काफी माहिर हैं। इसीलिए विभाग के व अन्य विभागों के लोग इनकी इस विधा से प्रभावित होकर उनके अलावा किसी अन्य को यहां नहीं देखना चाहते हैं। ये महाशय पिछली कांग्रेस सरकार के कुछ स्थानीय नेताओं के बड़े चहेते रहे हैं इस कारण जिला स्तर के अधिकारी भी उन्हें हटाने से परहेज करते हैं। तख्त बदल गया, ताज बदल गया मगर काबिलियत न रहते हुए भी सहायक ग्रेड -1 प्रकाश शिंदे अफसर के तख्त पर आज भी बरकरार हैं।

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