अनाथ बच्चों के बीच खुशियां बिखेरते हैं राजेंद्र नेताम

0 हर साल त्यौहारों पर गिफ्ट देते हैं बेसहारा बच्चों को 
(अर्जुन झा) किलेपाल। हादसों, नक्सली घटनाओं और कोरोना के चलते अनाथ हो चले बच्चों के लिए राजेंद्र नेताम किसी मसीहा से कम नहीं हैं। वे हर तीज त्यौहार पर इन बेसहारा बच्चों के बेरंग जीवन में खुशियों का रंग बिखेर देते हैं। बच्चे भी उनका बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। राजेंद्र नेताम की इस नेक पहल की चर्चा अब आसपास के गांवों में भी होने लगी है।
राजेंद्र नेताम कोई बड़े राजनेता, बड़े उद्योगपति, व्यापारी या फिर बड़े अधिकारी नहीं हैं, बल्कि एक बड़े दिल वाले नेक इंसान जरूर हैं। वे प्रत्येक वर्ष विनोबा भावे बालक आश्रम किलेपाल के अनाथ बच्चों की मदद करते हैं। इस साल उन्होंने पांच बच्चों को दीपावली का तोहफा दिया।बास्तानार ब्लाक मुख्यालय में पदस्थ रहे स्वास्थ्य विभाग के बीपीएम राजेंद्र नेताम बेसहारा बच्चों का सहारा बन गए हैं। त्यौहारों के दौरान वे इन बच्चों के बुझे और उदास चेहरों पर खुशियों की रौनक ला देते हैं। राजेंद्र नेताम ने विनोबा भावे बालक आश्रम किलेपाल के बच्चे को गोद लिया हुआ है। पिछले 10 साल से वे प्रतिवर्ष बच्चों को सभी त्यौहारों पर कपड़े और उनके आवश्यक सामग्रियों के लिए उन्हें पैसा या तो सामग्री देते हैं। इसी कड़ी में इस बार दीपावली के पहले बच्चों को उनकी जरूरत के सामान के लिए राजेंद्र नेताम ने पैसे दिए। इस राशि से बच्चे कपड़े, कॉपी पेन खरीद सकते हैं। बालक आश्रम रह रहे पांच बच्चे अनाथ हैं। जिन्हें राजेंद्र नेताम ने आर्थिक सहायता दी है।इसके पहले भी और कई बच्चे जो आनाथ रहे हैं, उन सभी को इस तरह की सहायता राजेंद्र नेताम करते आए हैं। कुछ बच्चे अब बड़े होकर आश्रम से पढ़ लिखकर निकल चुके हैं। कुछ बच्चे अभी भी पढ़ रहे हैं जिनको हमेशा इस प्रकार सहायता राजेंद्र नेताम करते रहते हैं। इस वर्ष सेवाभावी राजेंद्र नेताम ने राजेश पिता स्व. सामनाथ कक्षा चौथी ग्राम डिलमिली, राजेश बेंजाम पिता स्व. पिसोराम कक्षा तीसरी ग्राम लालागुड़ा, संदीप कुमार पिता स्व. कोपा कक्षा तीसरी ग्राम भूतनपाल, नितेश कुमार पिता स्व. स्थमिटक कथा तीसरी ग्राम भूतनपाल और संपत पिता देखो कक्षा चौथी ग्राम सुरगुड़ा को सहायता राशि दी। आश्रम के शिक्षक रामचरण नाग की उपस्थिति में इन बच्चों को राजेंद्र नेताम ने रकम भेंट की।

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