विजय बघेल ने लोकसभा में झूठ बोलकर राज्य की छवि खराब किया- सुरेंद्र वर्मा

0 मोदी सरकार और भाजपा के शीर्ष नेता भूपेश पर भरोसे की छत्तीसगढ़ सरकार से भयभीत, केंद्रीय मंत्री सदन में छत्तीसगढ़ को लेकर झूठ बोल रहे

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सांसद विजय बघेल ने लोकसभा में झूठ बोलकर तथा गलत वक्तव्य देकर प्रदेश की छवि बिगाड़ने की कोशिश किया है। विजय बघेल मोदी की चाटुकारिता में राज्य के खिलाफ बयान दिया जो अपराध की घटनायें छत्तीसगढ़ में नहीं हो रही उसके बारे में गलत बयानी किया। छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधो में 62 प्रतिशत की कमी आई है, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधो के मामले में छत्तीसगढ़ 18वें क्रम पर है, राज्य में महिलायें रमन राज से ज्यादा सुरक्षित हुयी है, राज्य में गोधन न्याय योजना से महिलाओं को, किसानों को, गोपालकों को लाभ हो रहा है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब कीमत मिल रहा है लेकिन विजय बघेल ने इन सारे मसलो पर सदन में झूठ बोला।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार और भाजपा के शीर्ष नेता भूपेश पर भरोसे की छत्तीसगढ़ सरकार से भयभीत है। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में आसन्न हार का डर भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों में भी इस कदर हावी है की सदन में झूठ बोलने से भी नहीं चूक रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने लोकतंत्र के मंदिर, लोकसभा में राष्ट्रीय मुद्दों बहस के दौरान जवाबदेही के बजाय छत्तीसगढ़ को लेकर झूठे आरोप लगाए गए। बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर अडानी कोल खदान आवंटित करने का आरोप लगाया जबकि हकीकत यह है कि कोल खनन विशुद्ध रूप से केंद्र सूची का विषय है। आवेदन की प्रक्रिया से लेकर आवंटन के अंतिम आदेश तक पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार के अधीन होती है। विगत दिनों केंद्रीय खोल खनन मंत्री ने भी यह स्पष्ट किया था कि जहां पर कोल बैरिंग एक्ट लागू होता है वहां ना पेसा कानून के प्रावधान लागू होते हैं ना ही राज्य सरकार के नियम। अब तो केंद्र की मोदी सरकार ने कोल बैरिंग एक्ट में संशोधन कर राज्य सरकार की एनओसी की आवश्यकता को भी खत्म कर दिया है। केंद्र सूची के विषय कोल आवंटन के लिए राज्य सरकार पर आरोप केवल राजनीतिक है। मणिपुर जैसे अत्यंत गंभीर विषय पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्रियों के द्वारा केवल राजनीतिक लाभ के लिए दुर्भावनापूर्वक, इरादतन, झूठे तथ्य गढ़कर छत्तीसगढ़ को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने देश के भीतर पहली बार कमर्शियल माइनिंग शुरू किया गया। मनमोहन सिंह के यूपीए सरकार के दौरान घोषित नो गो एरिया के प्रतिबंधित क्षेत्र को मोदी सरकार ने संकुचित किया। अति महत्वपूर्ण जैवविविधता संपन्न क्षेत्र में भी खनन शुरू कराये। कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल जैसी सरकारी नवरत्न कंपनियों की खदाने अडानी को सौंपी गई। वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को शिथिल करके पूंजीपति मित्रों के हित में आदिवासियों को जल जंगल जमीन के अधिकार से बेदखल करने की साजिश रची जा रही है। कोल बेयरिंग एक्ट में संशोधन करके राज्य सरकार और पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों के ग्राम सभाओं के अधिकार को बाईपास किया गया है। मोदी सरकार की जनविरोधी अडानी परस्त नीतियों पर परदेदारी के लिए बेवजह छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने पहले भी लगातार केंद्रीय मंत्री अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में तो परसा कोल ब्लाक को निरस्त करने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा जिस पर मोदी सरकार आज तक मौन है। सर्वविधित है कि छत्तीसगढ़ को लेकर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री गलत बयानी कर रहे हैं क्या भारतीय जनता पार्टी के नेता छत्तीसगढ़ को लेकर सांसद विजय बघेल और केंद्रीय मंत्रियों के बयानों पर माफी मांगेंगे?

 

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