एक सड़क ने भद्द पिटवा दी लोक निर्माण विभाग की, हो रही है जमकर थू -थू

0 एसडीओ ने करा दी विभाग के ईई की बड़ी बदनामी 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। तथाकथित जांच के नाम पर पूरी सड़क को उखड़वा देने के मामले में लोक निर्माण विभाग की भद्द पिट गई है, चारों तरफ थू थू हो रही है। आंच अब विभाग के ईई के दामन तक भी पहुंच रही है। विभाग के सब डिवीजन भानुप्रतापपुर में पदस्थ एसडीओ गणवीर एसके के चक्कर में ईई भी बदनाम हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि एसडीओ अपने ईई के नाम पर ही वसूली करते रहे हैं और एसडीओ को बचाने के फेर में ईई पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। एसडीओ की कारगुजारी परत दर परत खुलकर सामने आती जा रही हैं। वहीं एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब सड़क निर्माण निर्माण ढंग से नहीं हुआ था, तब सड़क बनने के शुरूआती दौर में एसडीओ और सब इंजीनियर क्या कर रहे थे, उस समय उन्होंने निर्माण कार्य क्यों नहीं रुकवाया? अगर ठेकेदार ने लापरवाही बरती है, तो उससे कहीं ज्यादा लापरवाही अपने कर्तव्य के प्रति एसडीओ और सब इंजीनियर ने बरती है। इसलिए इन दोनों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बस्तर संभाग के भानुप्रतापपुर में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के एसडीओ गणवीर एसके ने कुछ दिनों पहले कच्चे से साल्हे तक बनी लगभग तीन किमी लंबी सीसी रोड को कथित जांच के नाम पर जेसीबी से उखड़वा दिया था। यह सड़क एक ठेकेदार के माध्यम से बनवाई जा रही थी। जबकि जांच का पैमाना कुछ और ही कहता है। नियमानुसार सड़क के 5-6 मीटर के अंतराल में खोदाई करवाकर प्रयुक्त निर्माण सामग्री का सेंपल लिया जाना चाहिए और मोटाई नापी जानी चाहिए, मगर एसडीओ गणवीर ने कच्चे – साल्हे के बीच बन रही सड़क के मामले में जो बुलडोजर एक्शन लिया है, वह एसडीओ की ठेकेदार के प्रति दुर्भावना को ही प्रदर्शित करता है। कहा जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा डिमांड पूरी न की जाने पर ही एसडीओ ने सड़क पर अपनी भड़ास निकाल दी है। अगर ऐसा नहीं है, तो फिर एसडीओ और उनके मातहत सब इंजीनियर उस समय कहां थे, जब सड़क निर्माण का काम शुरूआती दौर में था। जाहिर है उन्होंने सड़क निर्माण में अपने सुपरविजन की जरूरत ही नहीं समझी। साल्हे चौक के लोगों का तो यहां तक कहना है कि एसडीओ और सब इंजीनियर कभी भी सड़क निर्माण का जायजा लेने नहीं पहुंचे। उक्त सीसी रोड में मापदंड के अनुसार अगर कांक्रिट नहीं डाली गई थी, तब विभाग के सब इंजीनियर ने सुपरविजन करते हुए उसे तुरंत ही क्यों नहीं हटवाया? इसका आशय तो यही है कि सुपरविजन के बिना 30 मीटर सड़क बना दी गई, या फिर जानबूझकर ऐसा होने दिया गया। सूत्र बताते है कि ठेकेदार, एसडीओ, और ईई के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इसमें मुख्य किरदार एसडीओ गणवीर एसके थे।जिसमे समझौता उसी ग्रेड की कांक्रिट से पूरी सीसी रोड बनाना थी। उसी आधार पर लेनदेन का सौदा तय हुआ था। मगर बात नहीं बनी तब एसडीओ ने जेसीबी से पूरी सड़क को तहस नहस करवा दिया। पूरे घटनाक्रम को ईई और सब इंजीनियर देखते रहे। आश्चर्य की बात तो यह है कि और ठेकेदार को नोटिस जारी किए बिना ही पूरी सड़क उखाड़ दी गई। साल्हे चौक के लोगों का कहना है कि जब तक काम चला, पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर एसडीओ कार्यस्थल पर कभी नहीं पहुंचे, लेकिन जब रोड उखड़ना शुरू हुआ तो सब मौके पर पहुंच गए, भ्रष्टाचार गिनाने लगे। जानकारी तो यह भी मिली है कि कच्चे से साल्हे तक सीसी रोड नहीं बल्कि आरसीसी रोड बनानी थी। बहरहाल इस समूचे घटनाक्रम ने लोक निर्माण विभाग की बड़ी फ़जीहत करा दी है। एसडीओ तो अपनी करतूत को लेकर पहले से ही चर्चित हैं ही, अब उनके सीनियर ईई की भी किरकिरी होने लगी है।

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