मोदी लहर में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों की जमानत न जब्त हो जाए, इसलिए नाराज नेताओं को मनाने चली कांग्रेस की संवाद समिति-भाजपा

0 मोदी की गारंटी पर जनता का विश्वास लोग अब कांग्रेस के झांसे में नहीं आएंगे-भाजपा

रायपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने 3 दिन पहले कांग्रेस के नाराज नेताओं को मनाने के लिए संपर्क और संवाद समिति का गठन किया है। अब इस समिति ने सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के नियुक्त नेता जाएंगे और नाराज चल रहे कांग्रेसियों को मनाने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस अब अपना वजूद बचाने में लगी है कि क्योंकि कांग्रेस को डर है कि कहीं उसके लोकसभा प्रत्याशियों की जमानत जब्त न हो जाए। जिसे भांपकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में आनन फानन छत्तीसगढ़ में संपर्क और संवाद समिति का गठन किया गया है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की संवाद समिति को पता है कि छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी प्रचंड लहर चल रही है। ऐसे में अगर नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेताओं ने साथ नहीं दिया तो छत्तीसगढ़ से भी पार्टी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। इससे घबराई हुई कांग्रेस के नेताओं की नींद हराम हो गई है। क्योंकि शीर्ष नेतृत्व ने कांग्रेस के पुराने नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा तो उनका पार्टी में कैरियर खत्म हो जाएगा। कांग्रेसी नेता भूपेश सरकार के दौरान हुए विकास कार्यों में हुए भ्रष्टचार और घोटालों के चलते जनता के बीच जाने से डर रहे हैं। इससे कांग्रेस नेताओं को अपनी हार दिखनी लगी है। इसके चलते उनकी जुबान से पीएम मोदी और बीजेपी को लेकर अनर्गल प्रलाप ही निकल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की नाराजगी बड़ी वजह कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के न्याय पत्र है। क्योंकि इस न्याय पत्र ऊपर से झूठ का पुलिंदा और अंदर से राष्ट्र विरोधी चीजें शामिल है। कांग्रेस की बनाई हुई संवाद समिति जनता के बीच और नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने जाएंगे। भाजपा ने कहा, जब लोकसभा चुनाव चुनाव सिर पर है तो कांग्रेस को यह युक्ति सूझी है। कांग्रेस अब इस फैसले के चलते जनता के बीच हंसी और उपहास की पात्र बन रही है। पांच साल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की ‌सरकार रही सारे बड़े नेता सत्ता की मलाई जमकर खाईं । पांच साल किसी भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं का काम तक नहीं हुआ काम तो दूर की बात पूरे मंत्रीमंडल अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखा। ऐसा हम नहीं कह रहे ‌है। इनके अपने सार्वजनिक मंच से खुलेआम अपनी पीड़ा व्यक्त की है।

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