0 मृतकों के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
0 एलमपल्ली, बंडा, गु़मोड़ी पंचायत की जाचं से जुड़े हैं हत्याकांड के तार
0 मुख्य सचिव एवं डीजीपी से हुई मामले की शिकायत
0 एसडीओपी सुकमा कर रहे जांच, कई लोगों के बयान दर्ज
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के सुकमा जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। सुकमा के कोंटा विकासखंड के दो तकनीकी सहायकों और एक सचिव सहित पांच शासकीय कर्मचारियों की सुनियोजित तरीके से हत्या कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले की जांच अब शुरू हो चुकी है। मामले की जांच कर रहे सुकमा एसडीओपी कई लोगों के बयान दर्ज कर चुके हैं। परिजनों एवं एक शासकीय अधिकारी द्वारा मामले की शिकायत छग शासन के मुख्य सचिव एवं डीजीपी से की जाने के बाद जांच शुरू हो चुकी है।
मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जनपद के अधिकारी के इशारों पर फर्जीवाड़ा का रहस्य खुलने से बचने ये हत्याएं कराई गई हैं। एलमपल्ली, बंडा, गुमोड़ी सहित कई पंचायतों के भ्रष्टाचार की जांच से हत्या के तार जुड़े होने की आशंका है। कोंटा विकासखंड में वर्ष 2021 से 2023 के दौरान कई पंचायतों में करोड़ों का घालमेल कर राशि बंदरबांट करने फर्जी माफ पुस्तिका तैयार कराने का खेला किये जाने का भी आरोप लगे हैं। अधिकारी अपना दामन बचाने कई हथकंडे अपनाने में जुटा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोंटा में पदस्थ तकनीकी सहायक जयराम ने 3 अगस्त 2024 को हादसे के पूर्व अपना भतीजे राजूराम पोयाम से फोन पर बात करते हुए जानकारी दी थी कि रोजगार सहायक एवं अन्य तीन लोगों के साथ गोलापल्ली, किस्टाराम की तरफ पीएम आवास आंगनबाड़ी भवन, रोजगार गारंटी के कार्यो का जियो टैग करने आया है। छुट्टी के दिन रोजगार सहायक काम है बोलकर बुलाए हैं। काम समाप्ति के बाद कोंटा आने की बात कही थी। रहस्मय ढंग से उसी दिन जयराम पोयाम की हत्या कर सड़क हादसा होना बता दिया गया। जबकि इसके पूर्व भी एक तकनीकी सहायक, सचिव एवं अन्य दो कर्मचारी सहित पांच लोगों की 6 माह के अंतराल में अलग-अलग घटनाओं में मौत होने की जानकारी सामने आई है। जबकि परिजनों ने कोंटा के जनपद सीईओ के इशारे पर हत्या कराने का आरोप लगाया है।
बंडा में करोड़ों का घोटाला
शिकायकर्ता ने खुलासा किया है कि बंडा पंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत 18 लाख का तालाब स्वीकृत हुआ था। सीईओ एवं मैडम ने फर्जी मस्टर रोल तैयार कर बिना तालाब खुदाई कराए पुराने तालाब को नया तालाब बताकर 18 लाख का फर्जी मूल्यांकन, फर्जी मस्टर रोल, फर्जी माप पुस्तिका भरवाकर जनपद सीईओ ने बंडा के रोजगार सहायक, सरपंच पर दबाव डालते हुए नक्सलियों का भय दिखाकर कोंटा एसबीआई से नगद 18 लाख रूपये राशि निकालकर आपस में बंदरबांट कर ली है। तालाब निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही राशि गटक चुके थे। बंडा पंचायत में अन्य पांच तालाबों का फर्जी मस्टररोल तैयार कर 95 लाख रूपये बिना कार्य कराए ही कोंटा एसबीआई बैंक से निकाले जा चुके हैं। मनरेगा मद में 85 लाख इस तरह बंडा पंचायत सहित अमृत सरोवर के नाम पर 35 कार्यो में 5 करोड़ की बंदरबांट की जा चुकी है।
घपलों से जुड़े हत्या के तार
एक भाजपा नेता द्वारा 16 जनवरी 2024 को कलेक्टर से बंडा पंचायत में हुई घपलेबाजी की शिकायत की गई थी। जिसके आधार पर 23 फरवरी 2024 जांच कमेटी गठित की गई थी। परियेाजना अधिकारी श्री भगत को जांच कमेटी का प्रमुख बनाया गया था। मुल्यांकनकर्ता से बंडा पंचायत का दस्तावेज मांगे जाने पर कुछ दिन बाद ही तकनीकी सहायक को रास्ते से हटा दिया गया। 6 माह की समयावधि में कोंटा के पांच कर्मचारियों की रहस्मय ढंग से हुई मौत के तार एलमपल्ली, बंडा, गुमोड़ी सहित अन्य पंचायतों में जांच से जुड़े हैं। घटना के पूर्व जांच अधिकारी को जिला पंचायत का एक अधिकारी द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई थी, जिसकी शिकायत सुकमा कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई थी। पुलिस अगर उसी समय मामले में गंभीरता दिखाई हुई होती तो कर्मचारी की जान बचाई जा सकता थी।
अधिकारी पर प्रशासन मेहरबान
जनपद सीईओ पर परिजनों ने हत्या कराने की आशंका जाहिर करते हुए मुख्य सचिव एवं डीजीपी से शिकायत की है। ऐसे अधिकारी पर जिला प्रशासन मेहरबान बना हुआ है। तबादला होने के 25 दिन बाद भी उन्हें से भारमुक्त नहीं किया गया है। ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि पुलिस जांच को भी प्रभावित किया जा सकता है। सप्ताह भर पूर्व भी परियेाजना अधिकारी के दफ्तर पहुंच कर उन्हें धमकी दी जा चुकी है। जिसकी शिकायत भी मुख्य सचिव से की गई है।
जांच में जुटे एसडीओपी
सुकमा एसडीओपी ने बताया कि शिकायत के आधार पर तकनीकी सहायक की रहस्मय ढंग से मौत की घटना की जांच की जा रहा है। इस मामले में जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी सहित कई लोगों का बयान दर्ज किए जा चुके हैं और कुछ लोगों के बयान दर्ज होना बाकी है। जांच पूर्ण होते ही वरिष्ठ अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
आखिर कौन थे वो तीन लोग?
घटना दिनांक 3 अगस्त 2024 को तकनीकी सहायक के साथ रोजगार सहायक एवं तीन अन्य लोग भी थे। यह भी जांच का विषय है कि अवकाश के दिन कार्यो का मूल्यांकन करने क्यों बुलाया गया और किसके इशारों पर अवकाश के दिन मूल्यांकन कराने का आदेश दिया गया था? इन सारे पहलुओं की जांच से ही रहस्मय ढंग से हुई मौत का राज खुल सकेगा।
नक्सलियों की आड़ में खूनी खेल
कहा जा रहा है कि अधिकारी नक्सलियों की आड़ में कर्मचारियों में खौफ पैदा कर खून खराबा कराने में माहिर हैं। उनका सीधे नक्सलियों से संपर्क होने की चर्चा दफ्तरों में होती रही है। सभी पांच व्यक्तियों की मौत में नक्सलियों के नाम पर धमकी देकर फर्जी माप पुस्तिका, फर्जी मस्टररोल सहित अन्य मूल्यांकन कार्य कराए जाते हैं। रहस्यों से पर्दा उठने से पहले ही उन कर्मचारियों को उठा दिया गया है आखिरकार दफ्तरों में नक्सलियों का भय दिखाने वाला कौन है, जिसके चेहरे से नकाब हटाने की जरूरत है।
जिपंसीईओ ने माना है फर्जीवाड़ा
जिला पंचायत सीईओ द्वारा पत्र क्रमांक 729 जो 27 मई को जारी किया गया था। इसके तहत प्रकाश सिंह उर्फ रिंकू का निलंबन आदेश जारी किया गया था। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि बंडा पंचायत में वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक कई निर्माण कार्यो में जिसमें मनरेगा योजना, अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्य सहित अन्य कई कार्य कागजों में करवाकर राशि की बंदरबांट का खुलासा की गई है। अब देखना होगा कि उक्त सचिव को खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई कब तक होगी?