जगदलपुर। नगर निगम जगदलपुर में नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी ने कहा है कि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में जिस प्रकार से राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ है, वह बेहद गंभीर चिंता का विषय है। यह केवल प्रशासनिक विषय न रहकर अब एक बहुत बड़ी आर्थिक अनियमितता का स्वरूप ले चुका है, जिसके पीछे सत्ता पक्ष की मंशा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग चुके हैं।
राजेश चौधरी ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण की नींव हैं, वे आज सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। उनके धरना, रैली और प्रदर्शन से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि सरकार के इशारों पर नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की गई है। शिक्षकों की पीड़ा यह दर्शाती है कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर केवल दिखावटी प्रक्रिया अपनाई गई है, जबकि हकीकत में स्थानांतरण एवं पदस्थापन में भारी आर्थिक लेनदेन और राजनीतिक पक्षपात किए जाने की बू आ रही है और अन्य विषयों पर मुखर होकर बोलने वाले विधायक, सांसद, बस्तर के मंत्री का युक्तियुक्तकरण को लेकर मौन रहना ही उनकी कार्यशैली को उजागर करता है। जबकि इन्हीं शिक्षकों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव संपादित करने का दायित्व दिया गया था। विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में डाक मत पत्र के माध्यम से इन्हीं शिक्षकों ने विधायक और सांसद को अन्य पार्टी की अपेक्षा भाजपा को अधिक वोट देकर जीत तक दिलाने का कार्य किया था, परंतु आज जब शिक्षकों के साथ न्याय करने की बात आई तो वही विधायक और सांसद मौन क्यों बैठे हैं यह स्पष्ट होना चाहिए। राजेश चौधरी ने सरकार से मांग की है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय एवं स्वतंत्र जांच कराई जाए, ताकि दोषियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई हो सके। यदि सरकार इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाती, तो कांग्रेस पार्टी शिक्षकों के हित में आंदोलन और भी व्यापक रूप से करेगी जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।