० नौकरी दो या सत्ता छोड़ो आंदोलन में कांग्रेस का हल्ला बोल, बिहार के सभी जिलों में हुआ प्रदर्शन
रायपुर। नौकरी दो या सत्ता छोड़ो के नारे के साथ बिहार में युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त नेतृत्व में व्यापक आंदोलन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर बिहार के सभी जिलों में एक साथ किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और सरकार की असफलता को उजागर करना था।
छत्तीसगढ़ के रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि इस आंदोलन के तहत बिहार के रोजगार कार्यालयों में तालाबंदी और घेराव किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार के औरंगाबाद जिले की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी, जहां उन्होंने आंदोलन का नेतृत्व किया।
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार — ने बिहार के युवाओं को सिर्फ झूठे वादे देकर ठगा है। चुनावी मंचों से 50 लाख नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन आज भी बिहार का युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है।
सरकारी आंकड़ों से भी स्पष्ट है बेरोजगारी की भयावह स्थिति
विकास उपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार के नेशनल करियर सर्विस (NCS) डाटा के अनुसार बिहार में अब तक 34 लाख से अधिक युवाओं ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें 73% शिक्षित अभ्यर्थी शामिल हैं। इसके बावजूद बिहार सरकार यह दावा कर रही है कि राज्य में कोई बेरोजगारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 2.6 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 7.3 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है, जो साफ दर्शाता है कि राज्य में बेरोजगारी गहराती जा रही है। इससे मजबूर होकर लाखों युवा रोजगार की तलाश में बिहार से पलायन कर रहे हैं।
वादे तो किए, लेकिन ना भत्ता मिला, ना रोजगार
विकास उपाध्याय ने बिहार सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगारी भत्ता और रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन आज तक ना किसी को भत्ता मिला, ना ही स्थायी रोजगार।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं के हक और अधिकार के लिए हमेशा से संघर्ष करती रही है और बिहार में हो रहे अन्याय के खिलाफ यह आंदोलन और अधिक व्यापक रूप लेगा।