0 रेत माफियाओं को गजब पाठ पढ़ा रखा है खनिज अधिकारियों ने
0 पूरी रात निकलते हैं बस्तर की सीमा में रेत और पौ फटते ही हो जाते हैं गायब
(अर्जुन झा) बकावंड। प्रशासन सीमा के पचड़े में उलझा हुआ है और ओड़िशा के रेत माफिया छत्तीसगढ़ में साय सरकार के सुशासन पर कुशासन का लेप लगा रहे हैं। खनिज विभाग बस्तर के अधिकारियों के इशारे पर बाहरी रेत माफिया रात के अंधेरे में बस्तर में अपना जंगल राज चलाकर पौ फटने से पहले दफा हो जाते हैं। भास्कली नदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
रेत के अवैध खनन और परिवहन का खेल बनियागांव और तारापुर के पास भास्कली एवं इंद्रावती नदी में बदस्तूर जारी है। पहले यह खेल दिन के उजाले में चलता था, मगर जबसे बकावंड एसडीएम ऋषिकेश तिवारी ने थोड़ी कड़ाई दिखाना शुरू की है, तबसे रात के अंधेरे में भारी वाहनों की लाईट के सहारे यह काला कारोबार किया जाने लगा है। बस्तर और बकावंड के खनिज अधिकारी तथा ओड़िशा के रेत माफिया मिलकर एसडीएम ऋषिकेश तिवारी की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। ओड़िशा के रेत माफिया इन दोनों गांवों के आसपास भास्कली एवं इंद्रावती नदी में बेतहाशा रेत खनन कर रोजाना दर्जनों ट्रकों से ओड़िशा ले जा रहे हैं। साय सरकार सुशासन तिहार मनाकर लोगों को जागरूक कर योजनाओं से लाभान्वित करती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री को बदनाम करने का काम उनके ही अधीनस्थ खनिज विभाग के बस्तर जिले में पदस्थ अधिकारी लगातार कर रहे हैं। ये अधिकारी इक्का दुक्का टिप्पर ट्रेक्टर को पकड़ कर दिखावे की कार्रवाई करते हैं। जबकि हकीकत यह है कि उनके ही संरक्षण में ओड़िशा के खनिज माफिया बस्तर की सीमा में आकर रेत का खनन और परिवहन कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि ओड़िशा के रेत कारोबारियों को बस्तर के ही खनिज अधिकारियों ने ज्ञान दे रखा है कि यहां एसडीएम एक्टिव हो गए हैं, इसलिए अब रात के अंधेरे में रेत निकाला करो। यही वजह है कि ओड़िशा के रेत माफिया से जुड़े लोग रात में बस्तर की सीमा में आकर पोकलेन और पे लोडर जैसी भारी भरकम मशीनों की मदद से बड़े पैमाने पर रेत का खनन और परिवहन कर रहे हैं। बनियागांव और तारापुर से बड़े ट्रकों व डंपरों में भरकर रेत ओड़िसा ले जाया जा रहा है। रातभर पचासों ट्रक रेत निकालने के बाद सूरज निकलते ही पे लोडर और पोकलेन मशीन को ओड़िशा की सीमा में खड़े कर रेत माफिया के आदमी दफा हो जाते हैं। मशीने ओड़िशा की सीमा में खड़ी रहने के कारण बस्तर के प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाते। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह ज्ञान ओड़िशा के खनिज माफियाओं को बस्तर के ही माइनिंग विभाग के अधिकारियों ने दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि कल भी एसडीएम बकावंड ऋषिकेश तिवारी के साथ कुछ अधिकारी आए थे, मगर पोकलेन को ओड़िशा की सीमा के भीतर खड़ा देख कर वे बिना कोई कार्रवाई किए लौट गए। इस तरह बस्तर के खनिज अधिकारी और ओड़िशा के रेत माफिया बकावंड एसडीएम ऋषिकेश तिवारी की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। अब देखना है कि एसडीएम कब इस मकड़जाल को तोड़ते हैं?