0 रजिस्ट्री को पारदर्शी, सक्षम तथा जनहितैषी बनाने के लिए सुगम ऐप जरूरी
जगदलपुर। रजिस्ट्री विभाग में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं पंजीयन मंत्री ओपी चैधरी के निर्देशानुसार जनता को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें देने तथा उन्हें लाभान्वित करने के लिए कई सुधार कार्य किए जा रहे हैं। इन सुधारों में टेक्नोलॉजी के अधिकतम प्रयोग के माध्यम से रजिस्ट्री प्रकिया को अधिक से अधिक पारदर्शी, कार्यसक्षम तथा जनहितैषी बनाया जा रहा है।
इसी कड़ी में विभाग द्वारा सुगम ऐप बनाया गया है। सुगम ऐप संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आम तौर पर देखा गया है कि रजिस्ट्री के पश्चात एक सामान्य आदमी कई प्रकार से फर्जीवाड़ा का शिकार हो जाता है। रजिस्ट्री दस्तावेज में दिया गया सम्पत्ति विवरण तथा मौके की स्थिति में अंतर होता है। एक सम्पत्ति कई लोगों को बेच दी जाती है। जिस जमीन की रजिस्ट्री की जाती है, वह जमीन वास्तव में अस्तित्व में नहीं होती। ऐसी घटनाएं भी प्रकाश में आती रहती है कि रोड, रास्ता, उद्यान आदि की जमीन तक बेच दी गई है। मौकों में जितनी जमीन उपलब्ध है, उससे अधिक रकबा बेच दिये जाने की घटनाएं भी होती रहती है। ऐसी घटनाओं से आपसी लड़ाई-झगड़े तथा कोर्ट कचहरी की मुकदमेबाजी में वृद्धि होती है। सुगम ऐप में पक्षकार को रजिस्ट्री की प्रक्रिया के दौरान अपना मोबाईल लेकर उस जगह में जाना होगा, जिस स्थान की रजिस्ट्री की जा रही है। उस स्थान में जाकर सुगम ऐप खोलकर ऐप में निर्देशित तीन कोणों अर्थात सम्पत्ति के सामने, दाएं और बाएं से उस स्थान का फोटो लेना होगा। यह फोटो स्वतः ही रजिस्ट्रार के माड्यूल में ट्रांसफर हो जाएगा। उस स्थान की भौगोलिक स्थिति अर्थात् अक्षांश व देशांतर की स्थिति रजिस्ट्री पेपर में फोटो के साथ दर्ज हो जाएगी। इस प्रकार संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति का निर्देशांक रजिस्ट्री पेपर में स्थायी रूप से अंकित रहेगा, जिससे पक्षकार कभी भी उस स्थान पर जाकर संपत्ति की पहचान कर सकता है। सुगम ऐप के द्वारा इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगेगा। सुगम ऐप के माध्यम से सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। सुगम ऐप से संपत्ति में क्या वास्तविक संरचना बनी हुई, यह ज्ञात हो सकेगा। जिससे भवन, रोड, फैक्ट्री आदि संरचनाओं को छुपाया नहीं जा सकेगा तथा इसके कारण सरकार को होने वाले राजस्व क्षति को रोका जा सकेगा। इससे ऐसी घटनाओं के पता चलने के बाद पक्षकार रजिस्ट्री के बाद होने वाली परेशानियों से मुक्त हो सकेंगे। सुगम ऐप का उद्देश्य रजिस्ट्रीशुदा सम्पत्ति की पहचान, सम्पत्ति की धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकना है। 21 अक्टूबर को सुगम ऐप लागू किए जाने के बाद से राज्य में 1200 से अधिक रजिस्ट्रीयां हो चुकी हैं। सरकार नागरिक सशक्तिकरण के लिए आगे भी रजिस्ट्री कार्य में टेक्नॉलाजिकल अनुप्रयोग तथा प्रक्रियागत सुधार की दिशा में प्रतिबद्ध है।
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