रायपुर। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के कल्याण की योजना है। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में राज्य के 18 लाख परिवार वंचित हो गये थे। बघेल सरकार ने गरीबों का हक सिर्फ इसलिए छीना था, क्योंकि इस योजना में प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव के साथ केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदान की गई स्वीकृति को लेकर मुख्यमंत्री आवास में प्रेस को संबोधित किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिये यह खुशी की बात है पिछले पांच साल में कांग्रेस की सरकार में प्रधानमंत्री आवास से वंचित लोगों तक हम अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग़रीबों के कल्याण की योजना है। तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार में राज्य के 18 लाख परिवार वंचित हो गये थे। बघेल सरकार ने गरीबों का हक सिर्फ इसलिए छीना था क्योंकि इस योजना में प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र था। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने यह वादा किया था कि सरकार बनते ही इस पर फ़ैसला लिया जाएगा। राज्य में भाजपा सरकार के आते ही पहली कैबिनेट में ही यह फ़ैसला ले लिया गया। प्रदेश सरकार के राज्यांश जमा नहीं करने की वजह से केंद्रीय मद दूसरे राज्य को आवंटित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 8 लाख 46 हज़ार आवास की स्वीकृत दी है। पिछली सरकार की निष्क्रियता की वजह से वंचित लोगों को लाभ मिलेगा। इनमें से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को के लिए 24 हजार आवास बनकर पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 47 हजार 90 लोगों के आवास की स्वीकृति पिछली सरकार ने एक अलग योजना बनाकर दी थी, इनमें से 25 हजार लोगों को आवास स्वीकृत किया था। हम पिछली सरकार द्वारा की गई घोषणा में कोई भेदभाव नहीं कर रहे हैं। इसमें भी बचे हुए लोगों को आवास योजना का लाभ मिलेगा। विष्णु देव साय ने कहा कि नियद नेल्लेनार योजना से नक्सल प्रभावित इलाक़ों में विकास हुआ है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर हमने आग्रह किया था कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए अलग से प्रधानमंत्री आवास दिया जाए। उम्मीद है कि दस हजार आवास की स्वीकृति मिल सकती है। आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को इसमें लाभ मिलेगा।