0 11 करोड़ रुपये की लागत से बने मंडी के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में कहा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने
0 किसानों के साथ किया लंच, उद्यानिकी फसलों की बेहतरी के लिए किए जाने वाले उपायों पर की बातचीत
0 मंडी के आरंभ हो जाने से अब किसानों के लिए बढ़ेंगे आर्थिक अवसर
दुर्ग । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज धमधा में 55 करोड़ रुपये की लागत से धमधा ब्लॉक में विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन एवं सामग्री वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने 11 करोड़ रुपये की लागत से बने सब्जी एवं फल मंडी का लोकार्पण किया। साथ ही 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी भवन का लोकार्पण भी किया। साथ ही जलसंसाधन विभाग की 18 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण तथा पीएचई विभाग की 15 करोड़ रुपये की योजनाओं का भूमिपूजन भी किया।
उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि धमधा की पहचान छह आगर, छह कोरी तालाब की है। इसकी ऐतिहासिक पहचान हमेशा से रही है। अब इसकी पहचान टमाटर के उत्पादन और उद्यानिकी फसलों से भी बनी है। धमधा के किसानों ने देश और देश के बाहर बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी सप्लाई की है। किसानों की यह उपलब्धि शानदार रही है। इसके पीछे कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की मेहनत भी है। उन्होंने मंडी की जो योजना बनाई, उसे हमने स्वीकृत किया। उन्होंने बहुत शीघ्रता से और अच्छे से इसे मूर्त रूप दिया है। इस मंडी के बन जाने से किसानों को फसल को उचित मूल्य मिल सकेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने धमधा के स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर तक अपडेट करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पीएससी, सेना भर्ती एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में की कोचिंग भी धमधा में आरंभ करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने एक करोड़ की लागत से स्टेडियम की घोषणा भी की। धमधा महाविद्यालय में ऑडिटोरियम के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की। इसके साथ ही उन्होंने धमधा में तालाबों के सौंदर्यीकरण की घोषणा भी की। उन्होंने बंधुआ तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ रुपए की राशि की घोषणा की।
साथ ही उन्होंने इस मौके पर धमधा में सामुदायिक भवन के लिए 1 करोड़ रुपए की घोषणा भी की। अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि धमधा के विकास के लिए हर संभव कदम सरकार ने उठाए हैं। इसके साथ ही निरंतर विकास कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब धमधा की पहचान उद्यानिकी फसलों से है। उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए मंडी बनाई गई है, इसके साथ ही किसानों को हर संभव मदद करने एवं नवाचार अपनाने के लिए की योजनाएं बनाई गई है। इस मौके पर अपने संबोधन में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने कहा कि धमधा के किसानों के लिए मंडी का आरंभ होना बहुत शुभ संकेत है, मंडी के आरंभ होने के पश्चात अब यहां के किसानों को देशभर का मार्केट मिल सकेगा। पहले भी हमारे किसान हैदराबाद से इलाहाबाद तक अपने उत्पाद पहुंचाते रहे हैं, अब मंडी के माध्यम से उन्हें उचित दाम मिल पाएगा। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार की बहुत अच्छी भेंट धमधा ब्लाक को है। उन्होंने कहा कि मोती नाला तथा रौंदा जलाशय से सिंचाई की व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। इन 3 सालों में धमधा में सिंचाई का दायरा बढ़ाने के लिए बड़े कार्य किए गए हैं।
3 करोड़ रुपये के वितरण कार्य– इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को सामग्री वितरण भी किए। उन्होंने 50 किसानों को ट्रैक्टर वितरण किया। मत्स्य कृषकों को भी नाव, जाल, मत्स्य आहार आदि वितरित किए। इसके साथ ही उन्होंने समाज कल्याण विभाग के हितग्राहियों को भी बाइक प्रदान की। इस मौके पर जिला मंडी बोर्ड अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने मंडी के अनुपम उपहार के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे , पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती रात्रे, श्रीअविनाश चौबे एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके साथ ही मौके पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अपने प्रतिवेदन में 3 साल की धमधा की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस मौके पर संभागायुक्त श्री महादेव कांवड़े, आईजी श्री ओपी पॉल, एसपी श्री बद्रीनारायण मीणा, एसडीएम श्री ब्रजेश क्षत्रिय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
किसानों के साथ किया लंच-
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ लंच भी किया। उन्होंने इस दौरान किसानों से उद्यानिकी फसलों की स्थिति के बारे में जाना। साथ ही उन्होंने किसानों से इस क्षेत्र में और भी बेहतर योजनाएं बनाने के लिए चर्चा भी की। उन्होंने किसानों से कहा कि आप लोगों ने जिस तेजी से उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में धमधा को नई पहचान दी है। उससे हमारा यह सपना शीघ्र ही मूर्त रूप लेगा।