0 भाजपा अपने कार्यकर्ताओं में भी कर रही अमीरी और गरीबी का भेद
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा के पूंजीवादी चरित्र को आड़े हाथों लेते हुये कहा जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ भाजपा अपने बूथ कमेटी सदस्यता फार्म में कार, बाइक होने या न होने की जानकारी दर्ज करवा रही है उससे समझ आता है की पूंजीपतियों द्वारा पोषित पार्टी भाजपा देश में अमीरों और गरीबों के बीच लकीर खींचने के बाद अब पार्टी के भीतर भी अमीर कार्यकर्ताओं और गरीब कार्यकर्ताओं के बीच एक लकीर खींच रही है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने कुछ दिनों पहले ही कहा था की भाजपा सरकार देश को अमीरों और गरीबों के बीच बांटना चाहती है। राहुल गांधी की बात भाजपा पार्टी के अंदर भी साफ दिख रही है। पीपुल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंस्यूमर इकोनामी की रिपोर्ट बताती है कि डॉ मनमोहन सिंह जी द्वारा देश में लाए गए आर्थिक उदारीकरण नीति के बाद से पहली बार भारत में गरीब परिवारों की आय 53 प्रतिशत के स्तर तक गिरी है वहीं दूसरी ओर केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद से देश के सबसे अमीर घरानों की आय 39 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा अब एक राजनीतिक दल नहीं उद्योग घराने की लिमिटेड कंपनी बन चुकी है।काँग्रेस सरकार ने 10 साल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था, लेकिन भाजपा सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीबी का शिकार बना दिया। गरीबी का शिकार केवल गैर भाजपाई ही नहीं बने हैं बल्कि इसमें भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। गरीबी के शिकार बनाने के बाद भाजपा अपने गरीब कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर रही है।भाजपा के ऊपर पूंजीवाद का असर इस कदर हावी है कि वह अपने कार्यकर्ताओं में भी भेद कर रही है। भारतीय जनता पार्टी अपने नैतिक पतन की ओर बढ़ रही है।