0 धूमधाम से मनाई जाएगी भगवान परशुराम जयंती
जगदलपुर। सर्व ब्राह्मण समाज बस्तर द्वारा जगन्नाथ मंदिर में बैठक हुई जिसमें ब्राह्मणजनों ने उपस्थिति देकर भगवान परशुराम जन्मोत्सव 10 मई शुक्रवार को महापर्व के रूप में मनाने के लिए सभी ने मार्गदर्शन दिया और विचार रखे।
संजीव शर्मा संभागीय अध्यक्ष ने कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से विचार रखे। अवधेश शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम ब्राह्मणों के आराध्याय देव हैं।इसके लिए जगदलपुर में निवासरत सभी ब्राह्मणों को सपरिवार इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। केके द्विवेदी ने कहा कि इसके लिए हम सबको मेहनत करके हर ब्राह्मण परिवार से संपर्क करना चाहिए और उनको इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित भी करना होगा। वरिष्ठ समाजसेवी पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी संस्कृति और ब्राह्मणों के लिए भगवान परशुराम हम सबके आदर्श हैं। इसलिए हमको उनके जन्मोत्सव कार्यक्रम में लिए अधिक से अधिक संख्या में शामिल होना चाहिए। आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खम्भारी ने कहा कि सभी ब्राह्मण एकजुट होकर सपरिवार कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दें। कौशिक शुक्ला ने कहा कि हम सबको मिलकर एकजुटता के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे ब्राह्मण समाज मजबूत हो। नीलम मिश्रा अध्यक्ष महिला मंच ने कहा कि हम ब्राह्मण समाज की सभी बहनों को इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक जोड़ेंगे। मातृशक्ति भी पूरी ताकत के साथ कार्यक्रम में अपनी भूमिका निभाएगी। रंजीत पांडे ने कहा कि ब्राह्मणों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए सभी को मिलजुल कर अपनी ताकत बढ़ाना होगा। अशोक मुखर्जी अध्यक्ष बंगीय ब्राह्मण समाज ने कहा कि हमारे समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
उन्होंने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह चीज हमारी नई पीढ़ी को भी बताने की जरूरत है। अरुण पाठक मिथिला समाज ने कहा कि हर ब्राह्मण को भगवान परशुराम जन्मोत्सव के लिए तन मन धन से सहयोग करे। जिससे हमारी पहचान संस्कृति बरकरार रहे। वरिष्ठ सदस्य सकलेश पांडे ने कहा कि युवा पीढ़ी को इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक जोड़ें। सुधीर दुबे ने कहा कि हम सबको आज ही से इस कार्यक्रम के लिए जनसंपर्क करना चाहिए। जिससे हम समाज के हर सदस्य को कार्यक्रम से जोड़ सकें। अंत में अनिल शुक्ला कविराज ने भगवान परशुराम पर ओजस्वी कविता सुनाकर में जोश भरा और संकल्प भावना से कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही। कार्यक्रम में आरणयक ब्राह्मण समाज, उत्कल समाज, कान्यकुब्ज समाज, सरयुपारीय समाज, बंगीय ब्राह्मण समाज, छत्तीसगढ़ी सरयूपारीय समाज, मिथिला ब्राह्मण समाज, सनाढ्य ब्राह्मण समाज राजस्थानी ब्राह्मण समाज भूमिहार ब्राह्मण समाज, मैथिल ब्राह्मण समाज, तेलुगू ब्राह्मण समाज, कन्नड ब्राह्मण समाज, भोजपुरी ब्राह्मण समाज, विंध्य ब्राह्मण समाज व अन्य समाजों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।