बस्तर में पड़े राहुल के कदम और जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलराम मौर्य ने छोड़ी पार्टी…

 

0 आख़िरकार सच निकली बवंडर वाली खबर 
अर्जुन झा जगदलपुर। बस्तर कांग्रेस में भगदड़ के हालात और कई नेताओं के पार्टी छोड़ने बात अंततः सच साबित हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कदम बस्तर की धरती पर पड़े और कांग्रेस में बड़ा बवंडर आ गया। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष बलराम मौर्य ने अध्यक्ष पद के साथ कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से शनिवार की शाम इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री संगठन मलकीत सिंह गैदू ने मंजूर भी कर लिया है। अब श्री मौर्य के भाजपा में शामिल होने के पूरे आसार हैं।
जगदलपुर में तीन दिन से चर्चा चल रही थी कि ‘राहुल गांधी के बस्तर आते ही कांग्रेस में बड़ा बवंडर आएगा और कई नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। बीते कई दिनों से
बस्तर में कांग्रेस के अंदर भगदड़ के हालात बने हुए हैं। कहा जा रहा था कि राहुल गांधी के बस्तर आते ही कई बड़े कांग्रेस नेता कांग्रेस से बाहर जाने के लिए तैयार बैठे हैं। यह चर्चा राहुल की बस्तर नगर पंचायत मुख्यालय में आयोजित चुनावी सभा के खत्म होते होते सच में तब्दील हो गई। पुराने और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलराम मौर्य ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम पार्टी के प्रदेश कार्यालय को प्रेषित कर दिया। उनका इस्तीफा पीसीसी के प्रभारी महामंत्री संगठन मलकीत सिंह गैदू ने मंजूर भी कर लिया है। श्री मौर्य ने अपने त्याग पत्र में अपने साथ कांग्रेस में हुए दुर्व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा है कि दुर्व्यवहार से आहत होकर उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला किया है। ऐन लोकसभा चुनाव और राहुल गांधी के बस्तर आगमन के बीच बलराम मौर्य के इस्तीफे को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच खबर है कि बलराम मौर्य 12 अप्रैल को ही कांग्रेस छोड़ने वाले थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के साथ व्यस्त रहने के कारण वे इस्तीफा नहीं दे पाए थे। अब बलराम मौर्य के भाजपा में जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक बलराम मौर्य ने उन्हें भाजपा में मंडल अध्यक्ष नियुक्त करने और उनके फॉलो गार्ड व सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बरकरार रखने की शर्त रखी थी, लेकिन इस पर फाइनल फैसला नहीं हो सका था। वैसे कहा जा रहा है कि बलराम मौर्य को भाजपा में उनके कांग्रेसी कद के मुताबिक जिम्मेदारी दी जा सकती है। ज्ञात हो कि इससे पहले महापौर सफीरा साहू, वरिष्ठ नेता यशवर्धन राव और कुछ अन्य नेता कांग्रेस का दामन झटककर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। मेयर सफीरा साहू को भाजपा में भेजने में सज धजकर घूमने वाले जगदलपुर के एक कांग्रेस नेता की बड़ी भूमिका रही है। बताते हैं कि इस नेता ने ही नगर निगम में मेयर के जरिए काला पीला काम करवा कर करोड़ों रुपए बटोरे और रायपुर में बैठे अपने आका तक भी हिस्सा पहुंचाया। इस नेता को भरोसा था कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी तो पूरा मामला दबा रहेगा, मगर उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। राज्य में भाजपा सत्तारुढ़ हो गई। इससे यह नेता खौफ में आ गए और खुद को फंसने के लिए मेयर को भाजपा की वाशिंग मशीन में डाल दिया। सूत्र बताते हैं कि अब यही कांग्रेस नेता खुद भी भाजपा में जाने लालायित हो उठे हैं। कुछ दिनों पहले बस्तर के आमाबाल आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष वे भाजपा प्रवेश करना चाहते थे, ताकि उनकी सियासी ब्रांडिंग हो सके। तब इस नेताजी के सपने पर यहां के जमीनी भाजपा नेताओं के प्रबल विरोध ने चकनाचूर कर दिया। ये कांग्रेसी नेताजी अब मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा प्रवेश की तैयारी में हैं।

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