0 रक्षा क्षेत्र में प्रदेश के एमएसएमई उद्योगों के लिए बन रही नवीन संभावनाओं का चेंबर स्वागत करता है: पारवानी
रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि भारत चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं रक्षा उत्पादन विभाग रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आज सुबह 11ः00 से रायपुर स्थित होटल हयात में एक दिवसीय जागरूकता सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जयंत कुमार संयुक्त सचिव रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं के. के. यादव निदेशक डीसी रक्षा उत्पादन विभाग रक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने एमएसएमई को सुविधा देकर रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने तथा नीतिगत पहलुओं से अवगत कराया।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि ‘छत्तीसगढ़ में एमएसएमई को रक्षा क्षेत्र में अवसरों का पता लगाने तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्स बनाने भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी ‘रक्षा क्षेत्र में व्यावसायिक अवसर पैदा करने एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित‘ विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सत्र का सफल आयोजन हुआ। सत्र को छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से भरपूर समर्थन दिया गया।
श्री पारवानी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आगे बताया कि जयंत कुमार, संयुक्त सचिव, एयरोस्पेस, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने सत्र को संबोधित करते हुए बताया कि विदेशी ओईएम और डीपीएसयू नई प्रौद्योगिकियों को सीखने और आत्मसात करने और ओवरहेड लागत को कम करने के लिए घरेलू एमएसएमई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने एमएसएमई को सुविधा देकर रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की नीतिगत पहलों की रूपरेखा तैयार की। इस संबंध में उन्होंने बताया कि सरकार ने रक्षा पूंजी अधिग्रहण बजट का 75 प्रतिशत आरक्षित रखा है, जो लगभग रु. स्थानीय कंपनियों से खरीदारी के लिए 1 लाख करोड़। उन्होंने आईडीईएक्स (एडीआईटीआई) योजना के साथ नई लॉन्च की गई इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज के एसिंग डेवलपमेंट के बारे में भी जानकारी दी, जहां स्टार्ट-अप रुपये तक की अनुदान सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। रक्षा प्रौद्योगिकी में उनके अनुसंधान विकास और नवाचार प्रयासों के लिए 25 करोड़। वह वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में अवसरों का पता लगाने और दीर्घकालिक व्यापार संबंधों में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ में एमएसएमई तक पहुंचे।
एमएसएमई से संबंधित नीतिगत पहलों पर अपनी प्रस्तुति में, के.के. यादव, निदेशक, डीआईसी, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने बताया कि वर्तमान में सिस्टम/उप के लिए निर्यात प्राधिकरण समय को 86 दिनों से घटाकर 35 दिन कर दिया गया है। -सिस्टम और घटकों के लिए 24 दिन से 13 दिन तक किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि सृजन रक्षा पोर्टल पर 34,000 आइटम अपलोड किए गए हैं और 400 कंपनियों को 650 औद्योगिक लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनकी वैधता 3 से 15 साल तक बढ़ा दी गई है। “पिछले 7 से 8 वर्षों में, जारी किए गए लाइसेंसों की संख्या में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और रक्षा और एयरोस्पेस में एफडीआई 5000 करोड़” रुपये से पार हो गया है।
अपनी प्रस्तुति के दौरान, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक (स्वदेशीकरण) तपश घोष ने सृजन पोर्टल पर अपलोड की गई 24,000 वस्तुओं की रूपरेखा तैयार की, जिन्हें 1900 एमएसएमई से खरीदा जा रहा है। श्री बलप्रीत सिंह, वरिष्ठ सलाहकार, एयरोस्पेस और रक्षा, अर्न्स्ट एंड यंग और कर्नल राजेंद्र भादुड़ी (सेवानिवृत्त), निदेशक, विमानन, स्पार्टन इनिशिएटिव ने अपने संबोधन में एमएसएमई से रक्षा खरीद के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया।
इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में भारत चेम्बर आॅफ कामर्स के उपाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने एमएसएमई के बीच रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने में चेम्बर की उपलब्धियों को रेखांकित किया और प्रतिभागियों से निकट में चेम्बर के रक्षा क्षेत्र सुविधा केंद्र की सहायता सेवाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया।
श्री पारवानी ने कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों के लिए खुल रहे नए आयामों का स्वागत किया तथा भारत चेम्बर ऑफ कॉमर्स का प्रदेश की व्यापारियों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।