(अर्जुन झा) जगदलपुर। जब राजनीति में जहर बुझे जुबानी तीर चल रहे हों, राजनीतिक विरोधियों से दुश्मन जैसा व्यवहार आम हो चला हो, तब दो प्रबल प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी आपस में शिष्टाचार का सौहार्द पेश करते नजर आएं तो अहसास होता है कि राजनीति में अब भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो वैमनस्य की राजनीति से अछूते हैं। वैसे सियासी कड़वाहट के बीच ऐसी मिठास बस्तर में ही मुमकिन है। चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज व भाजपा प्रत्याशी विनायक गोयल दोनों की आत्मीय भेंट मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों प्रत्याशियों ने आपस में गले मिलकर परस्पर शुभकामनाएं और बधाई दी।
चित्रकोट के चुनावी अखाड़े में कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज को उतारा है तो भाजपा ने विनायक गोयल को। बस्तर की संस्कृति में परस्पर आदर और सम्मान का भाव है। यहां की राजनीति कभी संस्कृति पर भारी नहीं पड़ती। राजनीति अपनी जगह है और संबंध अपनी जगह। दीपक बैज की राजनीति में तो राजनीति की जगह व्यवहार सबसे ऊपर है। वे कांग्रेस के सांसद रहते हुए भाजपा की केंद्र सरकार के मंत्रियों से बस्तर के हित में काम करा लेते हैं। वजह है बस्तर के विकास के लिए उनकी ललक और सक्रियता। ऐसे कई उदाहरण हैं जो दीपक बैज को राजनीति में एक खास पहचान दे रहे हैं। बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप के दुर्घटनाग्रस्त फॉलो गॉर्डस की मदद के लिए संवेदनशील इलाके में रुककर उन्हें उपचार के लिए भेजकर उन्होंने अपनी मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया था तो भानुप्रतापपुर उपचुनाव के समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव के साथ उनकी आत्मीय मुलाकात ने राजनीति में सुगंध अनुभव करा दी थी। मतदान के समय दो प्रतिद्वंद्वी इस तरह आदर सम्मान और प्रेम से मिलें तो लगता है कि बस्तर में लोकतंत्र की जड़ें आदिकाल से अब तक बहुत मजबूत हैं।