रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कोविड के बाद यह पहला वर्ष है जब प्रदेश सहित देश भर में त्यौहारों को लेकर लोग बड़े उत्साहित हैं और बाज़ारों में चहल पहल दिखाई देनी शुरू हो गई। कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक़ ख़रीदी के इस रुझान को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है की इस साल के त्यौहारों के सीजन में देश भर में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना है । गत वर्ष इस सीजन में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था ।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की दिवाली त्यौहार का सीजन इस बार रक्षा बंधन से शुरू हुआ है जो 23 नवम्बर के दिन तुलसी विवाह तक चलेगा। अभी 15 अक्तूबर से नवरात्र, रामलीला , दशहरा , दुर्गा पूजा, करवा चौथ, धन तेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा तथा तुलसी विवाह तक त्यौहारों का सीजन है और इस सीजन में ग्राहकों की माँग के अनुरूप देश भर के व्यापारियों ने व्यापक रूप से सामान उपलब्ध कराने की बड़ी तैयारियों की व्यवस्था कर ली है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने बताया की इस त्यौहारी सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान का आधार बहुत सरल है क्योंकि भारत में बाज़ारों में खुदरा बिक्री के लिए लगभग 60 करोड़ उपभोक्ता हैं और अगर हम प्रति व्यक्ति 5000 रुपये का ही खर्च आंकें तो 3 लाख करोड़ का आँकड़ा बेहद आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने आगे कहा कि अब लोग कोविड संकट को पूरी तरह से पीछे छोड़ चुके हैं और अपने जीवन के प्रति बेहद सकारात्मक दृष्टिकोण रख रहे हैं, वे त्योहारी सीजन को उत्सव और समृद्धि के साथ मनाना चाहते हैं। घरेलू सामान, उपकरण, उपहार, कपड़े, आभूषण, नकली आभूषण, बर्तन, सजावटी सामान, फर्नीचर और फिक्स्चर, बर्तन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और बाह्य उपकरणों, बिजली के सामान, मिठाई और नमकीन कॉन्फ़ेक्शनरी, फल सहित अन्य सामानों की ख़रीद पर बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किए जाने की उम्मीद है।