रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन आज विपक्ष ने प्रदेश के गोठानों में चल अनियमितता का आरोप लगाया। भाजपा सदस्यों ने गोबर खरीदी में 229 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसकी तुलना बिहार के चारा घोटाले से कर दी । इस पर सत्ता पक्ष भी बिफर गया। विपक्ष ने अध्यक्ष से इस मामले की जांच विधानसभा की कमेटी से कराने की मांग की।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने यह मामला उठाते हुए राज्य सरकार पर गोठानों में गोबर खरीदी में जमकर अनियमितता का आरोप लगाया । उन्होंने विभागीय मंत्री से पूछा कि गोठानों से कितनी गोबर खरीदी हुई और उसका कितना भुगतान किया गया है । कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि 246 करोड़ की खरीदी की गई और 17 करोड़ का गोबर बेचा गया है। भाजपा सदस्य सौरभ सिंह, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, धरमलाल कौशिक ने भी चर्चा में भाग लेते हुए पूछा कि खरीदी और बिक्री की राशि में 229 करोड़ का अंतर है ये राशि कहां गई। विपक्ष ने कोरबा और जांजगीर जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि सरकार की ओर से आए लिखित जवाब में इन दोनों जिलों में स्वीकृत से अधिक गोठान बना दिए गए। इसकी आड़ में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने बताया कि अकलतरा ब्लॉक में एक ही परिवार के 3 सदस्यों को गोबर बेचने के नाम पर 6 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया जबकि इनके घर में एक भी गाय नहीं है। ऐसा ही प्रदेश भर में हुआ है । भाजपा सदस्यों ने पूरे मामले की जांच सदन की कमेटी से कराने की मांग की जिसके लिए विभागीय मंत्री तैयार नहीं हुए, जिस पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान आसंदी पर बैठे अध्यक्ष चरणदास महंत लगातार विपक्ष को समझाइश देते रहे।