रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडेय ने कहा है कि प्रदेशभर में जमीन माफियाओं और सत्ता-संरक्षण प्राप्त नेताओं, जनप्रतिनिधियों व दलालों के हौसले इतने अधिक बुलंद हो चले हैं कि सरकारी जमीनों पर कब्जा कर, खेल मैदान के लिए आरक्षित सरकारी जमीन को कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बेचने का खेल चल रहा है। श्री पांडेय ने कहा कि शराब, रेत, कोयला, चावल, ड्रग्स, गोबर, धान आदि घोटालों की श्रृंखला बना चुकी कांग्रेस की प्रदेश सरकार के शासनकाल में जमीन घोटालों के भी नित-नए मामले सामने आ रहे हैं।
भाजपा सांसद श्री पांडेय ने कहा कि एक ओर माफियाओं और कांग्रेस के लोगों की मिलीभगत से सरकारी जमीन बेचकर घपला किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू प्रदेश की सरकारी जमीन बेचकर सरकार की आय बढ़ाने का अजीब-ओ-गरीब ऐलान कर रहे हैं। राजनांदगांव स्थित रेवाडीह वार्ड में खेल मैदान के लिए आरक्षित सरकारी जमीन को बेचकर आनन-फानन रजिस्ट्री करा लेने के हुए ताजे खुलासे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए श्री पांडेय ने कहा कि उक्त वार्ड के पार्षद और भू-माफिया के खिलाफ वार्डवासियों ने साक्ष्य सहित पुलिस में शिकायत की है। प्रदेश में जबसे कांग्रेस सत्ता में आई है, भू-माफियाओं और कांग्रेस के लोगों ने मिलकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने, कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बेचकर घपला करने का सिलसिला चला रखा है। अपनी धन पिपासा के चलते स्कूली बच्चों के खेल मैदान की आरक्षित जमीन तक भू-माफिया नहीं छोड़ रहे हैं। श्री पांडेय ने राजनांदगांव के इस और प्रदेशभर में इस जैसे तमाम मामलों की जांच और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा सांसद श्री पांडेय ने कहा कि एक ओर भू-माफिया जमीन का घोटाला कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार अपने कर्जों से उबरने के लिए सरकारी जमीन बेचने का ऐलान कर रही है। प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के तत्संबंधी बयान का जिक्र करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को कर्ज के दलदल में डुबा चुकी प्रदेश सरकार ने अब अपने कर्ज से उबरने का यह अजीब-ओ-गरीब रास्ता निकाला है। यह प्रदेश में जमीन घोटाले का एक नया षड़यंत्र प्रदेश सरकार रचने जा रही है, जिसके चलते वह जमीन माफियाओं को सरकारी जमीन पर कब्जा करने, बेचने और जंगलराज कायम करने का अवसर मुहैया कराना चाहती है। श्री पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है कि अपनी कंगाली दूर करने के लिए उसके सामने अपनी सम्पत्ति बेचने की नौबत आ गई है। भविष्य में विकास कार्यों के लिए जमीन की आवश्यकता होने पर प्रदेश सरकार जमीन कहां से लाएगी? श्री पांडेय ने कहा कि एक आदर्श सरकार अपनी अचल सम्पत्ति का संरक्षण करती है, लेकिन घोटालों और भ्रष्टाचार में डूबी प्रदेश सरकार अब अपनी जमीन बेचकर नए घोटाले का नैरेटिव सेट कर रही है।