0 हत्यारे नाथूराम को भारत का सपूत बताकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रपिता का अपमान किया – कांग्रेस
रायपुर। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का सपूत बताने को कांग्रेस शर्मनाक बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राष्ट्रपिता के हत्यारे को भारत का सपूत बोलना सिर्फ राष्ट्रपिता का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का अपमान है। यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी कई बार भाजपा नेता महात्मा गांधी का अपमान कर चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महात्मा गांधी के अपमान पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे शर्मनाक बात यह है कि जो प्रधानमंत्री देश और विदेश में गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रवचन देते हैं, वो भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे गांधी जी के अपमान पर खामोश रहते हैं। वह विदेशों में जाकर बापू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं, लेकिन जब देश में उनके ही सांसद, पूर्व मंत्री और नेता गांधी जी का अपमान करते हैं तब वह चुप रहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि वर्ष 2019 में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह गोडसे को देशभक्त कहा था। जब प्रधानमंत्री से इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि मैं कभी दिल से उन्हें माफ नहीं करूंगा। मगर आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं भाजपा में नंबर दो का स्थान रखने वाले अमित शाह ने 2017 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी जी को ’चतुर बनिया’ कहा था। सोचिए, राष्ट्रपिता गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान सभी धर्मों और जातियों को एक करने का काम किया उसके लिए जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल से बड़ा अपमान क्या हो सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हैं, मगर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक न्यूज़ चैनल के डिबेट में पीएम मोदी को “देश का बाप” बताया था। असम से भाजपा सांसद कामाख्या प्रसाद ने वर्ष 2017 में खुले मंच से गांधी जी की तुलना “कचरे” से की थी। उन्होंने कहा था कि दीन दयाल उपाध्याय की विचारधारा के बारे में जाने बिना लोगों के दिमाग में गांधी और नेहरू जैसा ’कचरा’ भर दिया गया है। इतना ही नहीं आज से क़रीब तीन साल पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने गांधी जी के नेतृत्व में चले स्वतंत्रता आंदोलन को ड्रामा बताया था। उनका यह बयान न सिर्फ गांधी जी का बल्कि पूरे स्वतंत्रता आंदोलन और सभी आंदोलनकारियों का अपमान है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मांग करते हैं यदि उनके दिल में गांधी जी के लिए सही मायने में कोई स्थान है तो इस बार निर्णायक फैसला लें। गिरिराज सिंह के मंत्री मंडल से बाहर करें और यदि ऐसा नहीं करते हैं तो गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाना और उनको लेकर प्रवचन देना बंद करें। ये नाटक नहीं चलेगा कि आप वैश्विक मंचों पर अपनी छवि चमकाने के लिए गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएं और देश में अपने नेताओं से उन्हें गाली दिलवाएं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी कहते हैं कि देश में गांधी और गोडसे की सोच के बीच लड़ाई चल रही है। हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन हमेशा के लिए बंद होना चाहिए। नफरत की राजनीति बंद होनी चाहिए। इसलिए राहुल गांधी जी नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। गोडसे के मार्ग पर चलने वालों द्वारा लगाए गए नफरत के बाजार में हिंसा है, बंटवारे की राजनीति है, अत्याचार है, शोषण है और दुराचारियों को संरक्षण है। गांधी के दिखाए राह पर चलते हुए लोगों द्वारा लगाए गए मोहब्बत की दुकान में सबकी इज्जत है, सबका सम्मान है, भाईचारा है, बराबरी है और सब की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है। आज जब गांधी के हत्यारे गोडसे को देशभक्त बताया जा रहा है तब उसके द्वारा खोले गए नफरत की दुकान को ठीक से समझने की ज़रूरत है। जो भी उसे देशभक्त बताते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की सामूहिक मांग उठनी चाहिए।