नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी। जैसे ही याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने दलीलें देनी शुरू कीं, वैसे ही कोर्ट ने कहा कि समझ में नहीं आता आप लोग ऐसी याचिका लाते ही क्यों हैं? इसमें आपका क्या इंटरेस्ट है? इसके बाद याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने पिटीशन वापस लेने की इजाजत मांगी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने कहा कि याचिका वापस लेने के बाद ये हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। इस ऐतराज पर कोर्ट ने जया सुकिन से सवाल किया कि अगर आप हाईकोर्ट जाना चाहते हैं तो हम याचिका रद्द कर देंगे। इस पर सुकिन ने कहा मैं हाईकोर्ट भी नहीं जाऊंगा। मैं नहीं चाहता याचिका रद्द हो, वरना सरकार को ऐसे इनॉग्रेशन का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। सुकिन ने गुरुवार को यह याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को इनॉग्रेशन में न बुलाकर संविधान का उल्लंघन किया है। इनॉग्रेशन राष्ट्रपति ही करें।