0 भाजपा प्रदेश महामंत्री शर्मा ने कहा : भेंट-मुलाक़ात कार्यक्रम का डाँट-डपट में बदल जाना दुर्भाग्यपूर्ण, सत्तावादी अहंकार और राजनीतिक अशिष्टता का परिचायक
0 भेंट-मुलाक़ात के दौरान की गईं करोड़ों रुपए की घोषणाओं का तो बज़ट में प्रावधान तक नहीं है और न ही उन पर बज़ट में कोई चर्चा तक की गई है!
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि हाल के महीनों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाक़ात कार्यक्रम के मद्देनज़र की गई घोषणाओं, उन पर क्रियान्वयन की मौजूदा स्थिति और उन घोषणाओं के बज़ट प्रावधानों के संबंध श्वेत-पत्र जारी किया जाए ताकि प्रदेश की जनता वास्तविकता से अवगत हो सके। श्री शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और सत्तावादी अहंकार से उपजी राजनीतिक अशिष्टता का परिचायक है कि मुख्यमंत्री बघेल जब-जब जनता के बीच जाते हैं, भेंट-मुलाक़ात का कार्यक्रम डाँट-डपट में बदल जाता है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल भेंट-मुलाक़ात के बाद अब एक बार फिर जनता के बीच जा रहे हैं। भेंट-मुलाक़ात का हालिया अभियान तो मूलत: डाँट-फटकार का कार्यक्रम ही सिद्ध हुआ है। भेंट-मुलाक़ात में मौजूद आम जनता के साथ डाँट-फटकार की शैली में बात करके राजनीतिक अहंकार का प्रदर्शन करना मुख्यमंत्री बघेल की अपनी राजनीतिक संस्कृति हो सकती है और उस पर हमें कुछ नहीं कहना है, लेकिन मुख्यमंत्री बघेल की यह ज़वाबदेही है कि वे प्रदेश को यह बताएँ कि भेंट-मुलाक़ात के दौरान की गईं घोषणाएँ क्या पूरी हुईं? उनमें करोड़ों रुपए की ऐसी घोषणाएँ हैं, जिनका बज़ट में तो प्रावधान तक नहीं ही है, पर उन घोषणाओं के बारे में बज़ट में कोई चर्चा तक भी नहीं की गई है! श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल अब नए सिरे से फिर प्रवास कर जनता के बीच जा रहे हैं तब प्रश्न यह उठता है कि पूर्व के भेंट-मुलाक़ात कार्यक्रम के दौरान की गईं घोषणाओं का क्या हुआ? क्या उन पर अमल हो गया? मुख्यमंत्री बघेल को पहले भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों और उस दौरान की गईं घोषणाओं पर एक श्वेत-पत्र जारी करना चाहिए, ताकि प्रदेश की जनता को यह साफ़-साफ़ समझ आ जाए कि पहले क्या हुआ और अब आगे क्या होने वाला है? श्री शर्मा ने कहा कि बिना श्वेत-पत्र जारी किए जनता के बीच जाने का मुख्यमंत्री बघेल का प्रस्तावित कार्यक्रम एक बार फिर जनता को डाँटने-फटकारने, नौजवानों को डराने और प्रदेश को बरगलाने-ग़ुमराह करने के सत्तावादी अहंकार और राजनीतिक अशिष्टता के प्रदर्शन से अधिक कुछ नहीं होगा।