रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी का दोहरा दंश झेल रही जनता दिन-ब-दिन गरीब होते जा रही है और मोदी सरकार के साथी उद्योगपति हर दिन संपत्ति मे इजाफे का रिकॉर्ड बना रहे हैं।यूपीए सरकार के समय 2004 से 2014 के बीच 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए थे।मोदी सरकार ने 2021 तक 23 करोड़ लोगों को फिर से गरीबी के अंधेरे में धकेल दिया। आज देश में 5.6 करोड़ भारतीय अत्यधिक गरीब की श्रेणी में आ चुके हैं। अयोग्य मोदी सरकार के कारण देश की जीडीपी लगातार गिरती जा रही है। वर्ल्ड बैंक ने इस साल तीसरी बार भारत की अनुमानित जीडीपी को 6.5 प्रतिशत कर दिया है इसका सीधा मतलब है कि बेरोजगारी और गरीबी का दंश अभी और घातक होने वाला है। देश में थोक महंगाई दर 15 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने बार-बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि कर जनता से 26 लाख करोड़ रुपये वसूल लिए हैं।रसोई से लेकर सड़क तक आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है। मोदी सरकार की नीतियों कारण लगातार अर्थव्यवस्था तबाही की ओर बढ़ रही है और मोदी सरकार आत्ममुग्धता में लीन है।हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने रिसर्च बुलेटिन में सरकार को आगाह किया था कि बैंकों का निजीकरण अर्थव्यवस्था में तबाही ला सकता है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव के कारण 24 घंटे के भीतर आरबीआई को अपना यह बयान वापस लेना पड़ा।वर्तमान में डॉलर के मुकाबले रुपया 82.53 के सर्वकालिक निचले स्तर पर गिर चुका है, साथ ही और भी गिरने की संभावना बनी हुई है।मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियां ऐसी ही बनी रही तो वह दिन दूर नहीं जब डॉलर के मुकाबले रुपया 100 के बराबर पहुंच जाएगा। 2014 में अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार का ग्रहण लगने से पहले रुपए का मूल्य 1 डॉलर के मुकाबले 58 रुपये था। उस समय नरेंद्र मोदी कहते थे कि रुपए की मजबूती के लिए मोदी जरूरी है मगर मोदी सरकार भारतीय रुपए के लिए वायरस सिद्ध हुई और उसे लगातार कमजोर बनाती जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विश्व हंगर इंडेक्स में 116 देशों की सूची में भारत 101 नंबर पर आ गया जो कि बेहद शर्म और दुख की बात है। 135 करोड़ जनसंख्या के देश में 80 करोड़ लोग मुफ्त अनाज लेने को मजबूर हैं वहीं दूसरी ओर पूंजी पतियों की उंगलियों पर नाचने वाली मोदी सरकार के राज में देश का 77% धन, सिर्फ एक फीसदी लोगों के पास है। अपने मित्र उद्योगपतियों के लाखों करोड़ का कर्ज माफ करने वाली मोदी सरकार देश की 130 करोड़ जनता पर लगातार बेरहमी बरत रही है। देश के लिए मोदी सरकार किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है।