0 किसी से कोई गिला शिकवा नहीं, पार्टी ही सर्वोपरि है जैन के लिए
0 पार्टी प्रत्याशी लखमा के पक्ष में कर रहे हैं प्रचार
अर्जुन झा जगदलपुर। आज के राजनेताओं में नैतिकता, शुचिता, ईमानदारी और पार्टी के प्रति समर्पण भावना बहुत कम देखने को मिलती है। गिने चुने नेता ही ऐसे गुणों से संपन्न होते हैं। अपने जगदलपुर के पूर्व विधायक रेखचंद जैन भी इन्हीं विरले नेताओं में शुमार हैं। राज्य के कुछ बड़े नेताओं द्वारा अपनाए गए हठकंडे की वजह से कांग्रेस पार्टी ने गत विधानसभा चुनाव में भले ही रेखचंद जैन को टिकट नहीं दिया, मगर रेखचंद जैन इसे लेकर मुंह फुलाकर घर बैठे नहीं रह गए। वे तब भी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में डटे रहकर काम करते रहे और अब लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी के लिए जी जान लगाकर प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं।
बस्तर में कांग्रेस की राजनीति टांग खिंचाई और गुटबाजी से परे रही है, मगर 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के छत्तीसगढ़ की सत्ता में आने के बाद यहां के चंद विघ्नसंतोषी तथाकथित कांग्रेस नेताओं को सत्ता का नशा ऐसा चढ़ गया कि उन्होंने रायपुर में बैठे अपने आका के इशारे पर यहां कांग्रेस में आंतरिक वैमस्यता का प्रदूषण फैलाना शुरू दिया। दीपक बैज और रेखचंद जैन जैसे सर्वमान्य नेता इन विघ्नसंतोषी नेताओं और उनके आका की आंखों में खटकने लगे। उन्हें नीचे गिराने के लिए तमाम तरह की साजिशें रची जाने लगी।तथाकथित आंतरिक सर्वे की आड़ में पहले तो रेखचंद जैन का टिकट कटवा दिया गया। उसके बाद दीपक बैज समेत कुछ अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा दिया गया। तब भी रेखचंद जैन टिकट न मिलने के बावजूद जगदलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी जतिन जायसवाल के पक्ष में बिना रुके, बिना थके काम करते रहे। वे सुबह से देर रात तक गांव गांव जाकर मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करने में लगे रहे। वहीं दूसरी ओर खुद को कांग्रेस का निष्ठावान सिपाही बताने वाले दो नेता अपने आका के की कठपुतली बनकर चित्रकोट सीट से दीपक बैज और अन्य सीटों के कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए गड्ढा खोदने का काम करते रहे। इसका अंजाम बहुत बुरा हुआ। दीपक बैज समेत अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में इस कांग्रेस तोड़ू गैंग ने जो करतूत की थी, उस गड्ढे को भर पाना अबके लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। फिर भी कांग्रेस के समर्पित सिपाही पूरी ऊर्जा के साथ गड्ढा पाटने और पार्टी प्रत्याशी कवासी लखमा की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी ओर से कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं।
गांधीजी की राह पर रेखचंद जैन
कुछ जयचंद और रायपुर में बैठा एक भस्मासुर भले ही रेखचंद जैन का टिकट कटवाने में सफल हो गए, मगर रेखचंद आज भी कांग्रेस पार्टी की परंपरा के अनुसार गांधीवादी सिद्धांत पर चल रहे हैं। उन्हें न तो टिकट कटवाए जाने का मलाल है और न ही साजिश में लिप्त रहे विघ्नसंतोषियों के प्रति कोई बैर भाव। वे अपने जैन धर्म के सबसे बड़े सूत्र क्षमा का अनुपालन करते हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी कवासी लखमा के पक्ष में भरपूर मेहनत कर रहे हैं। बताते हैं कि रेखचंद जैन रोजाना सुबह से ही चुनाव प्रचार में अपनी टीम के साथ निकल जाते हैं। बस्तर जिले के जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखंडों की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में वे खुद चुनावी सभाएं ले चुके हैं। पता चला है कि रेखचंद जैन देर रात तक गांव गांव जाकर मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करने में लगे रहते हैं। रेखचंद जैन एक कर्मठ कांग्रेसी माने जाते हैं। उनका अपना एक ही सिद्धांत रहता है, प्रत्याशी कोई भी हो, जीत कांग्रेस पार्टी की होनी चाहिए। अपने इसी सिद्धांत पर चलते हुए रेखचंद जैन अब तक कई दर्जन गांवों का दौरा कर कांग्रेस के प्रत्याशी कवासी लखमा को जिताने की अपील ग्रामीणों से कर चुके हैं और यह सिलसिला अब भी जारी है।