गरियाबंद। रेत माफियाओं द्वारा कई महीनो से महानदी का सीना चीर कर बड़ी ही बेदर्दी के साथ अवैध रूप से रेत खुदाई का कार्य कर रहे हैं। यह अवैध कारोबार से जहां पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है ,उसके साथ ही शासन के राजस्व का भी लाखों रुपए में नुकसान हो रहा है। NGT के बनाई गई नियमावली का खुले आम उल्लंघन हो रहा है और शायद वन विभाग राजस्व विभाग और सबसे महत्वपूर्ण विभाग इसके संरक्षण में यह सब काम हो रहा है वह है खनिज विभाग। खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस मार्ग से कई बार निकलते हैं लेकिन उनकी नजर इस अवैध कारोबार पर नहीं पड़ती लगातार जनता का विरोध जब सामने आता है तो खनिज विभाग हरकत में आता है।
खास बात यह भी रहती है कि एनजीटी के नियम के अनुसार शाम के बाद खनन का कार्य न किया जाए और ना ही रेत परिवहन का कार्य किया जाए। एक गौर करने वाली बात यह भी है कि परिवहन विभाग इस पर खास तौर पर आंखें मूंदे बैठा हुआ है ओवरलोडिंग वाहनों से जहां ग्रामीण सड़कों बहुत बुरी तरह से नुकसान होता है साथ ही नेशनल हाईवे पर भी लापरवाही पूर्ण वाहन चलाने से दोपहिया चालकों के आंखों में रेत उड़ने के कारण चालकों के आंखों पर नुकसान की संभावना बनी रहती है।
लगातार स्थानिक ग्रामीण ऑन की अवैध रेत खनन की शिकायतों के बाद आज गरियाबंद रायपुर जिले के खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त करवाई की गई जिस में गरियाबंद जिले के परसादा जोशी और रायपुर जिले के चंपारण स्थित महानदी में संचालित की जा रही अवैध रेत खदानों से 6 चैन माउंटिंगों को जप्त करने की कार्यवाही की गई और इन सभी गाड़ियों को मौके पर सील कर दिया गया।