यूनाइटेड अरब अमीरात की धरती ने मानवीय इतिहास का एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है – पीएम मोदी

अबू धाबी। पीएम नरेंद्र मोदी ने यूएई के पहले हिंदू मंदिर के उद्घाटन पर पीएम कहा कि आज यूनाइटेड अरब अमीरात की धरती ने मानवीय इतिहास का एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। आज अबु धाबी में भव्य और दिव्य मंदिर का लोकार्पण हो रहा है। अबू धाबी में मोदी ने कहा कि इस पल के पीछे वर्षों की मेहनत लगी है। इसमें वर्षों पुराना सपना जुड़ा है। इसमें भगवान स्वामी नारायण का आशीर्वाद जुड़ा है। आज प्रमुख स्वामी जी जिस दिव्य लोक में होंगे, उनकी आत्मा जहां होगी, वहां प्रसन्नता का अनुभव कर रही होगी। अबू धाबी में मोदी ने कहा, आज वसंत पंचमी का पवित्र त्योहार भी है। पर्व माँ सरस्वती का पर्व है। मां सरस्वती यानी, बुद्धि और विवेक की, मानवीय प्रज्ञा और चेतना की देवी! ये मानवीय प्रज्ञा ही है जिसने हमें सहयोग, सामंजस्य, समन्वय और सौहार्द जैसे आदर्शों को जीवन में उतारने की समझ दी। मुझे आशा है कि ये मंदिर भी मानवता के लिए बेहतर भविष्य के वसंत का स्वागत करेगा। ये मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगा। मोदी ने कहा, यह मंदिर एकता और सद्भाव का प्रतीक होगा।

मंदिर के निर्माण में यूएई सरकार की भूमिका सराहनीय है। अबू धाबी में हिंदू मंदिर के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने कहा, अब तक जो यूएई बुर्ज खलीफ़ा, फ्यूचर म्यूज़ियम, शेख जायद मस्जिद और दूसरी हाइटेक बिल्डिंग्स के लिए जाना जाता था, अब उसकी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय जुड़ गया है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। पीएम मोदी ने कहा, मैं पूरे भारत और विश्व भर में रहने वाले करोड़ों भारतवंशियों की ओर से प्रेसिडेंट शेख मोहम्मद को और यूएई सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मैं यूएई के लोगों का भी उनके सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, इस भव्य मंदिर को साकार करने में अगर किसी की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है, तो वह कोई और नहीं बल्कि मेरे भाई महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद हैं। यूएई सरकार ने करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरे दिल से काम किया है। यूएई सरकार ने न केवल यूएई में रहने वाले भारतीयों का, बल्कि सभी 140 करोड़ भारतीयों का दिल जीत लिया है। मोदी ने कहा कि अबु धाबी का ये विशाल मंदिर केवल एक उपासना स्थली नहीं है। ये मानवता की सांझी विरासत का प्रतीक है। ये भारत और अरब के लोगों के आपसी प्रेम का भी प्रतीक है। इसमें भारत और यूएई के रिश्तों का एक आध्यात्मिक प्रतिबिंब है।

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