आदिवासियों को प्रताड़ित करने वाले अधिकारी के विरुद्ध जिलापंचायत सीईओ को आयोग द्वारा पत्र प्रेषित कर कार्यवाही करने दिए गए निर्देश…

0 पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने की बीजापुर में सुनवाई

बीजापुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जनसुनवाई हुई जिले से प्राप्त तीन प्रकरणों की सुनवाई की गई जिसमें एक प्रकरण मानसिक प्रताड़ना अंतर्गत आवेदिका सहायक ग्रेड -2 कार्यरत संस्थान उप संचालक पशुचिकित्सा विभाग बीजापुर द्वारा अनावेदक पत्रकारगण के विरूद्ध मानसिक प्रताड़ना का आवेदन अंतर्गत आवेदिका ने अनावेदक के उपर मानसिक प्रताड़ना व मानहानि का आरोप लगाया अनावेदक पक्ष ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदिका के विरूद्ध सिविल सेवा आचरण अधिनियम के विरूद्ध कार्य करने पर कलेक्टर को शिकायत करने की बात कही। उभय पक्षों के बयान के आधार पर आवेदिका के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रियाधीन होने की दशा में माननीय अध्यक्ष द्वारा विभागीय जांच पूर्ण होने तक प्रकरण को लंबित रखने की बात कही। जांच में आवेदिका निर्दाेष सिद्ध होने की दशा में अनावेदक के विरूद्ध दीवानी और अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की समझाईश आवेदिका को दी गयी।
तीसरा प्रकरण कार्यस्थल पर प्रताड़ना के तहत आवेदिका ने अनावेदक जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला बीजापुर के ऊपर गंभीर आरोप लगाए आवेदिका ब्लाक समन्वयक के पद पर कार्यरत थी। अनावेदक के द्वारा मानसिक प्रताड़ना अभद्र भाषा का उपयोग करने के कारण पद से इस्तीफा दे चूकि है। आवेदिका के अलावा अन्य सात कर्मचारी जिनमें से तीन कर्मचारी ने इस्तीफा दे चुके हैं और चार कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अनावेदक के उपर आरोप लगाया गया है। कि उनके द्वारा कर्मचारियों को अपनी शक्ल आईने मे देखो, तुमको शर्म आनी चाहिए, बीजापुर के आदिवासी किसी काम के लायक नहीं है इस तरह से गाली गलौच और दुर्व्यवहार एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन्हीं कारणों से अनावेदक के कार्यकाल के दौरान सन 2016 से 2022 तक कुल 17 लोगों ने काम छोड़े कुछ ने इस्तीफा दिया तो कुछ लोगों को काम से निकाला गया। बयान देने वाले कर्मचारीगण एवं एक कर्मचारी से विडियों कॉल के माध्यम से अपना बयान दर्ज करवाया। सुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कहा की बीजापुर जिले के गरीब आदिवासी जो अपने जीवन यापन करने के लिए रोजगार कर रहे हैं, उनको बार बार अभद्र व्यवहार कर प्रताड़ित कर रहे हैं और उन्हें बार बार प्रताड़ित करना गम्भीर है। इस जिले के कोई भी अधिकारी यहां के स्थानीय लोगो से सभ्यता और सौम्यता से पेश आएं उनके जीवन यापन को ऊपर लाने की दिशा में प्रयास करने के निर्देश भी दिए। इस प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर रखते हुए अनावेदक के नियोक्ता सीईओ जिला पंचायत का प्रतिवेदन आवश्यक है, सीईओ जिला पंचायत से विस्तृत प्रतिवेदन प्राप्त करने के पश्चात प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय पर विचार किया जायेगा। निर्णय की जानकारी जिला कलेक्टर को उपलब्ध कराते हुए पक्षकारों को सूचना दी जायेगी। एक अन्य प्रकरण में मानसिक प्रताड़ना अंतर्गत आवेदिका (स्टाफ नर्स) विरूद्ध अनावेदक (स्टाफ नर्स) कार्यरत संस्थान जिला चिकित्सालय बीजापुर के प्रकरण को आपसी रजामंदी के तहत नस्तीबद्ध किया गया।
इस दौरान राज्य महिला आयोग के सदस्य सहित जिले के सभी अनुभाग के एसडीएम एवं एसडीओपी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी उपस्थित थे।

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