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0 कांग्रेसियों के नाम, बैज का पैगाम, न बैठेंगे न बैठने देंगे

(अर्जुन झा)

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश व जिला कांग्रेस कार्यकारिणी की पहली बैठक में अपने कार्य व्यवहार से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कांग्रेस के साथ ही प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी को भी यह अहसास करा दिया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का कमांडर बनाकर एकदम सही कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने केंद्रीय नेतृत्व को दीपक बैज की जिन खूबियों से अवगत कराया और उनको चुनावी बेला में संगठन का सिरमौर बनाने में अहम भूमिका निभाई, वे भी गदगद हैं कि उनका चयन एकदम खरा उतर रहा है। दीपक बैज ने सबको साथ में लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काम को चुनाव में जन जन तक पहुँचाने की मुहिम छेड़ दी है। कार्यकारिणी की पहली बैठक में उन्होंने जिस अंदाज में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुखियाओं चरणदास महंत, भूपेश बघेल, मोहन मरकाम के साथ नए महासचिवों, संयुक्त महासचिवों, सचिवों, कार्यकारिणी सदस्यों का अभिनंदन करते हुए नए संगठन प्रशासन महासचिव मलकीत सिंह गैदू का स्वागत किया और पूरी कार्यकारिणी को मैदानी जिम्मेदारी सौंप दी, उसकी इस समय सर्वाधिक जरूरत है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ से भाजपा की वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने बच्चा बता दिया था। दीपक ने उन्हें कोई ऐसा वैसा जवाब न देकर यह बता दिया कि वे दिल से बच्चे हैं। बड़ों की किसी बात का बुरा नहीं मानते। उनकी बातों से सीख लेते हैं और अच्छा काम करते हैं। बड़ों को अहसास कराते हैं कि बच्चे ही भविष्य हैं। दीपक बस्तर के बच्चे हैं। छत्तीसगढ़ महतारी के बच्चे हैं। भोले भाले आदिवासी कुल के दीपक हैं। आदिवासी जन्मजात कर्मवीर होता है। दीपक वैसे तो सरोज पांडेय की दृष्टि में राजनीति में बच्चे हो सकते हैं लेकिन दरअसल यह उनका दृष्टि भ्रम है अथवा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी का विचार। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पर प्रकाश डाल चुके हैं तो उतना पर्याप्त है। भूपेश बघेल ने अपने प्रदेश अध्यक्ष का मूल्यांकन किया और प्रतिद्वंद्वी पार्टी की नेता को जवाब दिया, यह कांग्रेस में सत्ता और संगठन के एकाकार का मूर्त रूप है। भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस में सत्ता और संगठन में सुर ताल पूरी तरह मिल गया है। चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत यही है। कांग्रेस को अपनी सत्ता के काम की दम पर भाजपा से भिड़ना है। भूपेश बघेल की सत्ता भाजपा पर बहुत ज्यादा भारी है। बात संगठन की करें तो अब कांग्रेस का संगठन भाजपा के संगठन को मैदानी चुनौती दे रहा है। कांग्रेस के संगठन में भाजपा के मुकाबले गति देखी जा सकती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने अपनी कार्यकारिणी की पहली बैठक में ही भाजपा का सिरदर्द बढ़ा दिया है। मोदी सरकार के काम गिनाने वाली भाजपा को दीपक ने धीरे से जोर का झटका देते हुए पूरी कांग्रेस को रेल की पटरियों पर दौड़ाने का ऐलान कर दिया है। यह तो भाजपा को बेहतर तरीके से मालूम है कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी जी की रेल से कितनी त्रस्त है। लगातार, हर त्यौहार तक में रेल चल कम रही हैं और रद्द ज्यादा हो रही हैं। यह आम जनता से सीधा संबंध रखने वाला मुद्दा है। दीपक बैज ने कांग्रेस के हर पदाधिकारी को निर्देश दे दिया है कि इस काम में तत्काल जुट जाएं। अब परेशान जनता को कांग्रेस रेल दिखाएगी तो भाजपा मोदी जी के गुण कैसे गायेगी? दीपक का यह पैगाम कि न एक पल भी बैठेंगे और न कांग्रेसियों को बैठने देंगे, भाजपा संगठन के लिए वह चुनौती है, जिसका मुकाबला भाजपा को करना ही होगा।