निःशुल्क हृदय उपचार से रवीना के चेहरे पर लौटी मुस्कान चिरायु योजना के तहत 11 वर्षीय रवीना को मिला लाभ…

कांकेर। कई बच्चे जन्म से ही कुछ बीमारियों के साथ पैदा होते हैं, कुछ अन्य किसी कारण से गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं। उचित उपचार न मिलने से बीमारियां उनके शरीर में धीरे-धीरे बढ़ती जाती हैं और गंभीर रूप ले लेती हैं। कम उम्र में ही बच्चों में ह्रदय सहित कोई अन्य गम्भीर रोग हो जाये तो उसका बचपन छिन जाता है, और यदि माता पिता आर्थिक रूप से कमजोर हो तो समस्या बढ़ जाती है। ऐसी किसी अन्य विकार से ग्रसित बच्चों को बचाये रखने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु योजना, पीड़ित बच्चों और उनके परिजन के लिये वरदान साबित हो रही है।

जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम मुल्ला की रहने वाली 11 वर्षीय रवीना ताराम, जिसे जन्मजात हृदय रोग था। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा संचालित चिरायु टीम को स्कूल में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान रवीना में थकान और कमजोरी की समस्या मिली। तदुपरान्त उसे जिले में संचालित होने वाले विशेष शिविर में लाया गया, जिसमें ह्रदय रोग विशेषज्ञ द्वारा दिल में छेद की बीमारी बताई गई। यह जानकारी मिलते ही बिना देरी किये रवीना के हृदय का उपचार रायपुर में किया गया। सफलतापूर्वक निःशुल्क उपचार मिलने से रवीना और उसके परिजन के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है। इसके लिये चिरायु टीम के डॉ. इमरान खान, डॉ. चेतन, डॉ. तेजस्वी परिहार का विशेष योगदान रहा।

कलेक्टर प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में छ.ग. सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) योजना के अंतर्गत, आंगनबाड़ी, स्कूल और अन्य स्थानों पर चिरायु टीम द्वारा जांच केंद्र स्थापित कर बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है। तदुपरान्त बच्चों में स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को देखते हुये उनका चिन्हांकन कर निःशुल्क उपचार कराया जा रहा है। समय पर उचित लाभ मिलने से जिले के जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी रौशन हो रही, साथ ही लाभान्वित बच्चे अब समाज में सामान्य बच्चों की तरह ही अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।

इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ.जे.एल.उईके ने बताया: “चिरायु योजना के तहत चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित स्थानों पर स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चों की स्क्रीनिंग हेतु जांच केंद्र लगाए जाते हैं।बच्चों की फ्री स्क्रीनिंग की जाती है जिसमें आँख से कम दिखाई देना, कानों से कम सुनाई देना, विटामिन की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, जैसी बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज किया जाता है। कोई बच्चा गंभीर स्थिति में है तो उसे टीम द्वारा तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल भेज दिया जाता है।“

चिरायु योजना क्या है चिरायु योजना छत्तीसगढ़ राज्य की स्वास्थ्य योजना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायु योजना को 6 अगस्त 2014 से सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल में लॉन्च किया गया था, इसके बाद इससे सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए लॉन्च किया गया। योजना के अंतर्गत 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चे में कोई बीमारी पाई जाती है तो उसका निशुल्क इलाज किया जाता है। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए चिरायु टीम अलग-अलग जगह पर जाकर जांच करती है।

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