रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन भी सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टकराव हुआ। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के भुगतान के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बीच चल रही बहस के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभाला और नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच चली नोंकझोंक में दोनों पक्ष के सदस्यों ने अपने अपने नेता के समर्थन में आवाज बुलंद की। विपक्ष ने इस मामले में बहिर्गमन किया। इस तनातनी के बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी।
सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के भुगतान का मुद्दा उठाते हुए राज्य सरकार पर किसानों को कम पैसा देने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सवाल किया कि अप्रैल2019से अप्रैल 2022 तक धान खरीदी में कुल कितना भुगतान किया गया है। इसमें कितनी राशि केंद्र सरकार व कितनी राशि राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई गई है? अभी कितना भुगतान किया जाना शेष है, कब तक भुगतान किया जायेगा? उन्होंने यह भी सवाल किया कि इस अवधि में किसानों को प्रति क्विंटल कितनी राशि का भुगतान समर्थन मूल्य व राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत किया गया है? किन किन वर्षों में प्रति क्विंटल2500 रुपये का भुगतान नहीं किया गया है तथा क्यों व शेष भुगतान कितना है व कब तक दिया जायेगा?वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य व राजीव गांधी न्याय योजना की चारों किश्तों में प्रति क्विंटल कितनी कितनी राशि दी गई है तथा क्या यह 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान की गई है?
इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के जवाब से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया कि नेता प्रतिपक्ष पूछ रहे हैं कि धान खरीदी में केंद्र और राज्य का कितना हिस्सा होता है। केंद्र चावल खरीदी के एवज में पैसा देता है। केंद्रीय पूल के चावल का पैसा केंद्र सरकार देती है और स्टेट पूल का पैसा राज्य देता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 294 करोड़ की राशि का किसानों को भुगतान कब होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र के अड़ंगे के बाद राजीव किसान न्याय योजना में किसानों को पैसे दे रहे हैं।