रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी में आयोजित ‘हमर स्वदेश, हमर प्रदेश कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में मानसून आ गया है और रोका छेका का काम चल रहा है। अच्छे काम में बाधाएं आती ही हैं, छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में हम लोग निकले हैं। आज खूबचंद बघेल की जयंती के अवसर पर मैं कह रहा हूं कि हमारी सरकार महापुरूषों के नक्शेकदम पर चल रही है। हम स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं, सस्ती दवाइयों से लोगों को राहत दे रहे हैं। बीमारी का कोई बजट नहीं होता है, बीमारी के लिए भी 20 लाख तक की सहायता करने वाली छत्तीसगढ़ की सरकार देश में पहली सरकार है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन करने का काम हमारी सरकार कर रही है। हम गौमाता की सच्ची सेवा कर रहे हैं, हरेली से गौमूत्र भी खरीदने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि माटीपूजन के कार्यक्रम से हमने ग्लोबल वार्मिंग को लेकर संदेश दिया है, माटी से हम जो ले रहे हैं, थोड़ा तो धरती मां को वापस भी करें… गोधन न्याय योजना से यही कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हम कृष्ण कुंज बना रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी जीवनदायी वृक्षों के बारे में जाने। हम सभी को ऐसे पौधे लगाने चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही इनका संवर्धन भी हो सके।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज ही के दिन इंदिरा गांधी जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। पहले बैंक कुछ चुनिंदा लोगों के लिए था, राष्ट्रीयकरण से लोगों की बैंकों तक पहुंच हुई। अब फिर से निजीकरण हो रहा है, लोगों की समस्याएं बढ़ रही हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में सरकारी बैंकों की सेवाएं हैं, निजीकरण होने के बाद बैंक दूरस्थ लोगों का ध्यान क्यों रखेंगे, इससे वंचित वर्ग के लोग, नवोदित व्यापार करने वालों को परेशानी होगी। अमीर और अमीर होगा, गरीब और गरीब होता जाएगा।