रायपुर। प्रदेश के उद्योगों में उतपन्न कोयला संकट के लिए मोदी सरकार के छत्तीसगढ़ विरोधी कोल नीति को जिम्मेदार ठहराते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ के कोयला में पहला अधिकार छत्तीसगढ़ के उद्योगों का है। मोदी सरकार को तत्काल प्रदेश के उद्योगों को पूर्व की तरह ही कोयला सप्लाई करने के आदेश देना चाहिए और कोयला के उत्पन्न संकट से जूझ रहे प्रदेश के उद्योगों को निजात दिलाना चाहिए । मोदी अपने कोयला व्यवसायी मित्रो को फायदा पहुँचाने के लिए प्रदेश को कोयला से वंचित कर रही है। दुर्भाग्य की बात है प्रदेश से रोज हजारों टन कोयला ट्रेनों में भरकर बाहर ले जाया जा रहा है लेकिन प्रदेश के उद्योग को कोयला नही दिया जा रहा है। कोयला नहीं मिलने से प्रदेश के सैकड़ो उद्योगों में तालाबंदी हो जाएगी।उद्योगों में काम करने वाले हजारों हाथ खाली हो जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विदेश में कोयला की कीमत 15हजार रु से 20 हजार रु प्रति टन है और भारत में कोयला की कीमत 3हजार से 4 हजार रु प्रति टन है जिसके चलते भारत की कोयला की मांग विदेशों में बढ़ी है। और देश में कोयला का सबसे बड़ा सप्लायर मोदी के मित्र हैं जो विदेशों तक कोयला पहुंचाते हैं और मोदी अपने मित्रों के मुनाफाखोरी को बढ़ावा देने फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश के कोयला को बेरोकटोक बाहर पहुंचा रहे हैं और प्रदेश के उद्योग कोयला संकट से जूझ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के भाजपा के नेता और सांसद कोयला संकट को लेकर हमेशा से छत्तीसगढ़ वासियों को दिग्भ्रमित करने का काम किए हैं राज्य सरकार ने कोयला संकट को लेकर जब भी मोदी सरकार को आगाह किया मोदी सरकार से प्रदेश के लिए कोयला की मांग की जब यही भाजपा के नेता और सांसद मोदी सरकार के बचाव में सामने आ कर कोयला संकट से इनकार करते रहे हैं।