जगदलपुर। बस्तर पुलिस कभी अपनी तत्परता के लिए लोगों से तारीफ पाती है तो कभी अपनी धीमी चाल के लिए चर्चा का विषय भी बन जाती है। अब एक मामला चर्चा में है कि 16 दिन पूर्व शहर के बोधघाट व कोतवाली थाने में दिए गए आवेदनों पर अब तक पुलिस पीड़ितों का बयान दर्ज नहीं कर पायी है! कहा जा रहा है कि बड़े-बड़े मामलों को जल्द से जल्द सुलझा लेने वाले इन दोनों थानों में पीड़ितों के आवेदनों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार 12 जून को ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में बोधघाट थाने में तीन व कोतवाली थाने में एक आवेदन दिया गया था, जिनमें पीड़ितों के क़रीब 2.5 लाख रुपये ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से ठग लिए जाने की शिकायत की गई। थाना बोधघाट में दिए गए तीन आवेदनों में से एक में फायना काट कर पुलिस ने अपना पल्ला झाड लिया तो अन्य दो आवेदनों पर अब तक बयान नहीं लिया गया है। खबर है कि शहर के अन्य कई लोग इस ठगी का शिकार हुए हैं, जिन्होंने अब तक थाने में आवेदन नहीं किया है और यह फ्रॉड लाखों की रकम का है। लेकिन मामलों में ढिलाई बरती जा रही है।
यह भी खबर गर्म है कि कोतवाली थाने में कुछ दिन पूर्व पीड़ित ने बयान दिया था लेकिन कंप्यूटर फाइल में खराबी के कारण न तो बयान प्रिंट हो सका और न ही पीड़ित के हस्ताक्षर हो पाए। तब से अब तक फरियादी कई बार थाने के चक्कर काट चुका है मगर उसका बयान दर्ज नहीं हुआ है।
दोनों ही थानों के थाना प्रभारी मामले को जल्द निपटाने की बात कह रहे हैं लेकिन कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में जहाँ देश भर में लाखों की ठगी की जाती है, आरोपी बड़े ही शातिराना तरीके से फरार हो जाता है और सालों तक मामला लटका रहता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार व अपराध नियंत्रण ब्यूरो के संभागीय अध्यक्ष जगमोहन सोनी ने कहा है कि पुलिस को जल्द से जल्द मामले में उचित कार्यवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करना चाहिए। पीड़ितों ने अपनी मेहनत की कमाई इस उम्मीद से लगायी थी कि उन्हें कुछ और आमदनी होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।