0 सहकारी समितियों में खाद-बीजों की उपलब्धता की प्रतिदिन मानीटरिंग के निर्देश
0 उर्वरकों के मांग-उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा
रायपुर। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने खरीफ मौसम में किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से खाद की उपलब्धता सुनिश्चिित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि खाद-बीज की उपलब्धत की समितिवार नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाए। श्री जैन आज खरीफ वर्ष 2022-23 के लिए प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों की मांग, उपलब्धता व वितरण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में श्री जैन ने अधिकारियों से कहा है कि धान की फसल के उत्पादन के लिए चरणबद्ध तरीके से जरूरी उर्वरकों की उपलब्धता समिति स्तर पर हो। रोपा लगाने के समय, पौधे की वृद्धि के समय, बीज अंकुरन के दौरान जिन-जिन उर्वरकों की जरूरत होती है, उसकी उपलब्धता उसी समय के अनुसार प्रत्येक समिति में होना चाहिए। इसके लिए समितिवार तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि किसी रासायनिक खाद की कमी के कारण फसल उत्पादन प्रभावित ना हो इसके लिए उसके विकल्प के रूप में अन्य खाद भी पर्याप्त मात्रा में सोसायटी में उपलब्ध हो।
मुख्य सचिव ने समितिवार खाद की आवश्यकता एवं उपलब्धता के लिए कृषि विभाग मार्कफेड और अपेक्स बैंक को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2022-23 के दौरान फसल परिवर्तन करने वाले किसानों की विशेष रूप से सहायता की जाए। इस वर्ष धान की फसल के बजाए दलहन या अन्य फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को गुणवत्ता युक्त बीजों के साथ ही अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने विशेष प्रयास किया जाए, जिससे फसलोत्पादन में वृद्धि हो और अन्य किसानों को भी फसल परिवर्तन के लिए प्रेरणा मिल सके।
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि इस वर्ष नैनों उर्वरक की आपूर्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को नैनों उर्वरक का राज्य की जलवायु के अनुसार फसल उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी के लिए प्रत्येक सहकारी समिति स्तर पर एक किसान का चिन्हांकन करने और निश्चित रकबे पर इसका प्रदर्शन करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ सीजन में यूरिया, डी.ए.पी. सहित अन्य उर्वरकों की करीब 8.93 लाख मीटरिक टन मांग के विरूद्ध करीब 6.31 लाख मीटरिक टन से ज्यादा उर्वरकों की सप्लाई हुई है। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन में उर्वरकों की कुल मांग के विरूद्ध अब तक 70 प्रतिशत उर्वरकों की उपलब्धता की जा चुकी है।
मुख्य सचिव ने राज्य के गोठानों में कुक्कुट पालन और डेयरी संचालन के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के चिन्हित गौठानों में कुक्कुट पालन और दुग्ध उत्पादन को समूहों के आय उत्पादक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा, इसके लिए अच्छी नस्ल के दुधारू पशु चिन्हित स्व-सहायता समूहों को विभागीय योजना और बैंक के सहयोग से उपलब्ध करायें जाएगें। जिन गोठानों में चारा और पानी की पर्याप्त उपलब्धता हो, ऐसे गोठानों का चयन डेयरी संचालन के लिए किया जाएगा। बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल, पशुपालन विभाग की संचालक श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित सहकारी, कृषि, पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।