बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 अप्रैल से 11 मई तक चले विशेष एंटी-नक्सल अभियान में कुल 31 माओवादी मारे गए, जिनमें से 28 की पहचान हो चुकी है। इन पर कुल ₹1.72 करोड़ का इनाम घोषित था। इस अभूतपूर्व अभियान की जानकारी सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह, छत्तीसगढ़ डीजी अरुण देव गौतम और बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने संयुक्त प्रेस वार्ता में दी।
31 हथियार बरामद, 450 IED डिफ्यूज
एसपी यादव ने बताया कि मुठभेड़ों के दौरान 31 अत्याधुनिक हथियार बरामद किए गए, जिनमें एसएलआर, इंसास और अन्य ऑटोमेटिक हथियार शामिल हैं। अभियान में 214 नक्सली ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया, साथ ही 450 आईईडी बम बरामद किए गए। इनमें से केवल 15 ही विस्फोटित हुए, जिससे सुरक्षा बलों की सतर्कता और रणनीति की सफलता स्पष्ट होती है।
12 हजार किलो राशन जब्त, इलाके पर जवानों की मजबूत पकड़
ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और 12,000 किलोग्राम खाद्य सामग्री भी बरामद हुई, जिससे नक्सलियों के लंबे समय तक छिपे रहने की योजना नाकाम हो गई। कर्रेगुट्टा जैसे दुर्गम क्षेत्र में अब सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ स्थापित हो चुकी है।
जवानों का साहस, विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं टूटा मनोबल
एसपी ने बताया कि 18 जवान (कोबरा और डीआरजी के) ऑपरेशन के दौरान घायल हुए, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं और अस्पताल में इलाजरत हैं। 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी जवानों का मनोबल अडिग रहा।
नक्सलवाद के खिलाफ अगला चरण शुरू
अभियान के दौरान 17 नए आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और जांच के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। साथ ही NIA और SIA की भी मदद ली जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ शुरुआत है – नक्सलवाद के समूल विनाश तक ये अभियान जारी रहेंगे ताकि बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके।