0 मीनागट्टा के शिक्षादूत अशोक मुचाकी समेत तीन लोगों का किया कत्ल
0 स्कूल में दाखिला दिलाने बच्चों का सर्वे कर रहे थे शिक्षादूत अशोक मुचाकी
0 खुद को शिक्षा और विकास का पक्षधर बताने वाले नक्सलियों की खुल गई पोल
(अर्जुन झा)जगदलपुर। खुद को बस्तर के गांवों के विकास, शिक्षा और आदिवासियों के उत्थान का हिमायती बताते हुए शांति वार्ता की गुहार लगाने वाले नक्सलियों ने एक शिक्षादूत, स्कूल के रसोईया और एक ग्रामीण की हत्या कर अपना असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर जारी ऑपरेशन थमते ही नक्सली फिर रक्तपात करने लगे हैं।
नक्सलियों ने ताजा वारदात बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र में की है। यहां नक्सलियों ने मीनागट्टा स्कूल में कार्यरत शिक्षादूत अशोक मुचाकी की आधी रात हत्या कर दी। सूत्रों ने बताया कि शिक्षादूत अशोक मुचाकी रविवार को अप्रवेशी बच्चों का सर्वे करने गांव में घर घर गया था, ताकि ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ाजा सके। यह भी जानकारी मिली है कि नक्सलियों ने स्कूल के रसोईया और एक अन्य ग्रामीण की भी हत्या की है।अशोक की पत्नी भी उसी स्कूल शिक्षादूत बन सेवा दे रही है। शिक्षादूत अशोक मुचाकी की हत्या नक्सलियों ने क्यों की इसका खुलासा नहीं हो पाया है। बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने बताया कि माओवादियों द्वारा हत्या की खबर आई है। पामेड़ थाना से कंचाल और मीनागट्टा की दूरी अधिक होने व संचार माध्यम न होने के कारण कितने लोगों की हत्या हुई है इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा तीन दिन पहले ही सुकमा के तारलागुड़ा क्षेत्र के बेनपल्ली गांव में नक्सलियों ने उप सरपंच की हत्या कर दी थी।ग्रामीणों की वेशभूषा में 4-5 नक्सली उप सरपंच मुचाकी रामा के घर पहुंचे थे। उन्होंने मुचाकी रामा को घर से बाहर निकाला और गला घोंट कर उसे मार डाला था। मुचाकी रामा निर्विरोध उप सरपंच बने थे। वहीं पिछले कुछ दिनों से इन्हें नक्सलियों की ओर से धमकियां भी मिल रही थी। नक्सलियों ने इससे पहले बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में मारूडबाका सोसायटी के संचालक नागा भंडारी पिता उर्रा भंडारी की भी कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी थी। नागा भंडारी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने ग्राम लिंगापुर गए हुए थे। जहां देर रात करीब 11.30 बजे अज्ञात नक्सलियों द्वारा कुल्हाड़ी मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
उजागर हो गई उनकी मंशा
नक्सली नेता एक तरफ तो बार बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे आदिवासियों की हत्याएं भी कर रहे हैं। बीच में एक नक्सली लीडर ने शांति वार्ता के प्रस्ताव वाला पत्र जारी किया था। इस पत्र में कहा गया था कि समस्या का समाधान बंदूक से नहीं हो सकता, शांति वार्ता से ही हो सकता है। इस पत्र में नक्सली लीडर ने नक्सलियों को बस्तर के विकास, शिक्षा, चिकित्सा का पक्षधर बताया था। इसके उलट वे शिक्षादूत और निरीह आदिवासियों की हत्या कर अपनी चाल, चरित्र और चेहरा सामने ला दिया है। स्कूल में निस्वार्थ सेवा देने वाला शिक्षादूत अशोक मुचाकी गांव के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के जतन में लगा था। क्या यही उसका कसूर था, जो नक्सलियों ने उसे मार डाला। खुद को आदिवासी हित में लड़ने वाला बताने वाले नक्सली आदिवासियों का कत्लेआम कर रहे हैं। आखिर वे चाहते क्या हैं, उनकी मंशा क्या और उद्देश्य क्या हैं? जाहिर सी बात है नक्सली बस्तर में अपना वजूद बचाए रखने और लोगों के बीच दहशत फैलाने के लिए ऎसी कायराना हरकत कर रहे हैं।
ऑपरेशन थमते ही हौसले बुलंद
बीजापुर जिले की कर्रेगुट्टा पहाड़ी नक्सलियों का ठिकाना रही है। सीआरपीएफ, डीआरजी, बीएसएफ, बस्तर फाइटर, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल जब तक ऑपरेशन चला रहे थे, तब तक नक्सली बार बार शांति वार्ता की दुहाई दे रहे थे। पहलगाम की घटना के बाद भारत- पाकिस्तान के बीच उपजे हालात के मद्देनजर ऑपरेशन को स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए पैरा मिलिट्री फोर्सेस की जरूरत पड़ सकती है। ऑपरेशन क्या थमा, नक्सली फिर खून खराबे पर उतर आए हैं। सूत्र बताते है कि नक्सलियों की इस हरकत को देखते हुए अब ऐसा ऑपरेशन अकेले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर ही नहीं, बल्कि नक्सलियों के अन्य तमाम बड़े ठिकानों पर तैयारी की जा रही है।