चना घोटाला, एक्शन में आया प्रशासन; एसडीएम ने तारापुर के सरपंच, सचिव और विक्रेता को भेजा नोटिस

0 घोटाले पर कलेक्टर ने लिया संज्ञान तब शुरू हुई जांच की प्रक्रिया 
बकावंड। विकासखंड बकावंड की कई राशन दुकानों में चना घोटाला मामले में अब जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है।हेराफेरी मामले में एसडीएम ने तारापुर के सरपंच, पंचायत सचिव और पीडीएस दुकान के विक्रेता को नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि चना का आवंटन नहीं होने के कारण जनवरी, फरवरी और मार्च माह के चना का वितरण उपभोक्ताओं को नहीं किया जा सका था। अप्रैल माह में एकसाथ चार माह के चने का आवंटन हुआ। आवंटन प्राप्त होने के बाद अधिकांश राशन दुकानों में सक्रिय खाद्यान्न माफिया दुकान संचालकों से सांठगांठ कर चना की कालाबाजारी में लग गए। उपभोक्ताओं को पूरा चना न देकर 50 प्रतिशत से भी ज्यादा चना दबा लिया गया। ऐसा ही मामला तारापुर, बनियागांव कi राशन दुकानों का भी उजार हुआ था। जहां राशन कार्ड धारकों को तीन माह के 6 पैकेट चना न देकर 2- 2 पैकेट चना वितरण कर शेष प्रत्येक कार्ड धारकों का 4 पैकेट चना का घालमेल किया गया था। जिसकी शिकायत बस्तर कलेक्टर से ग्रामीणों ने की थी।

ऐसे चल रहा है खेल
शिकायत मिलने पर बस्तर कलेक्टर हरिस एस. ने खाद्य विभाग को जांच के आदेश दिए थे। कलेक्टर से मिले आदेश पर खाद्य विभाग ने मामले की जांच की। जांच में तारापुर की राशन दुकानों में चना वितरण में गड़बड़ी पाई गई। खाद्य निरीक्षक हेमंत भट्टाचार्य ने बताया कि तारापुर राशन दुकान में चना वितरण में अनियमिता की गई है। इस मामले में एसडीएम द्वारा सरपंच, सचिव एवं विक्रेता को नोटिस जारी किया जा चुका है। बनियागांव की जांच जारी होने की बात कही। ज्ञातव्य हो कि शासन द्वारा प्रत्येक कार्ड धारक को पौष्टिक आहार के रूप में 2 किलो चना दिया जाता है। उक्त चना पर खाद्यान्न माफिया की नजर होती है। ये लोग राशन दुकानों से ऊंची दर पर चना खरीद कर उसे ओड़िशा के बेसन मिल वालों और व्यापारियों के पास 50 से 60 रूपये की दर पर बेच देते हैं। फिर वही चना रीपैकिंग कर राशन दुकानों में पहुंचता है। यह खेल लंबे समय से से चला आ रहा है। इसके तार पीडीएस के चना सप्लायर से जुड़े होने की खबर है।

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