0 भुवनेश्वर में संपन्न हुई कैट की राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की दो दिवसीय बैठक
रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन अमर पारवानी, चेयरमैन मगेलाल मालू, प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र दोशी कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट की राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की दो दिवसीय बैठक हाल ही में भुवनेश्वर में सम्पन्न हुई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कैट वर्ष 2025 को “व्यापारी स्वाभिमान वर्ष” के रूप में मनाएगा। इस वर्ष का उद्देश्य व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा, उनके योगदान को सम्मान देना और उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस अवसर पर कहा कि, “हमेशा व्यापारी के साथ खड़ा रहने वाली कैट, छोटे व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा छोटे व्यापारियों के व्यापार को खतरे में डालने के खिलाफ भी हमारा विरोध जारी रहेगा।”
भुवनेश्वर बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण विषय
कैट की बैठक में विभिन्न विषयों पर गहरी चर्चा की गई, जिनमें प्रमुख थे:
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सीएससी के साथ नए व्यापार अवसर – भारत सरकार के आईटी मंत्रालय की पहल।
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जन औषधि केंद्र – एक नया व्यापार अवसर।
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ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स – पारंपरिक व्यापारियों के लिए बढ़ता खतरा।
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साइबर धोखाधड़ी की चुनौतियां – डिजिटल सुरक्षा उपायों पर ध्यान।
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अंतिम मील के व्यापारियों तक पहुंच – कैट के संगठनात्मक ढांचे का विस्तार।
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जीएसटी के 7 वर्ष – भविष्य की दिशा।
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महिलाओं को एकजुट करना – भारत को एक मजबूत और सशक्त बनाना।
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नेटवर्किंग के माध्यम से सफलता – व्यापारियों के सहयोग का महत्व।
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आधुनिक तकनीक का व्यापार में उपयोग – व्यवसाय को डिजिटली सशक्त बनाना।
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नवाचार और कौशल विकास – युवा भारत के लिए अवसर।
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सामाजिक वाणिज्य का उपयोग – व्यापार विस्तार में समाज की भूमिका।
कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र दोशी ने कहा कि बैठक में देशभर के 150 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने भाग लिया और व्यापारी स्वाभिमान वर्ष के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया।
कैट छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधिमंडल:
अमर पारवानी, जितेंद्र दोशी, परमानंद जैन, सुरेंद्र सिंह, भरत जैन, अवनीत सिंह, किशोर पंजवानी और हीरानंद जयसिंह ने इस बैठक में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया।