रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया था। इस बीच, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने राज्य में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि वे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह जानकारी दी कि राज्य में निवास कर रहे पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों को फिलहाल राज्य में रहने की अनुमति दी गई है और वे CAA के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इस प्रक्रिया को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से देख रही है और इस मामले में इन अल्पसंख्यकों की हर संभव मदद की जाएगी।
यह बयान उस समय आया है जब पिछले शुक्रवार को एक समूह पाकिस्तानी हिंदुओं ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी परेशानियों का सामना करने की बात की थी। इस समूह में सिंध के घोटकी ज़िले के खानपुर निवासी सुखदेव लुंद भी शामिल थे, जिन्होंने बताया कि वे पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों और अत्याचारों से परेशान होकर भारत आए हैं और वे रायपुर में सुरक्षित जीवन की उम्मीद कर रहे हैं। सुखदेव और उनके परिवार के 24 सदस्य हाल ही में 45 दिन के विज़िटर वीज़ा पर रायपुर पहुंचे थे।
इसके अलावा, लगभग 100 पाकिस्तानी हिंदू पहले ही रायपुर आ चुके हैं, जिन्होंने स्थायी निवास की मांग की है ताकि वे एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इन पीड़ितों का कहना है कि वे अब पाकिस्तान लौटना नहीं चाहते।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आए नागरिकों के खिलाफ डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिससे छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं के मामले पर भी चर्चा का विषय बन गया था।
गृहमंत्री विजय शर्मा का यह बयान छत्तीसगढ़ के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक बड़ी राहत है, जिनका कहना है कि वे लंबे समय से नागरिकता मिलने की उम्मीद कर रहे थे। CAA के तहत इन समुदायों को कानूनी मान्यता मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और अधिकारों की प्राप्ति संभव हो सकेगी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाती है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत पहुंचे हों और उन्हें धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना किया हो।