हम भी बस्तर में शांति चाहते है लेकिन बस्तर के लोगों के जान माल से समझौता नहीं – दीपक बैज

रायपुर। इंद्रावती बचाव अभियान के दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि हम भी बस्तर में शांति चाहते है, लेकिन बस्तर के आदिवासियों के जान माल से समझौता नहीं करेंगे। क्या नक्सलियों के आड़ में आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन और संसाधन को छीनने की साजिश तो नही हो रही? हम शुरू से शंका करते रहे है और यह सब इस सरकार में हुआ भी है। बैलाडीला के संसाधन और पहाड़ को निजी हाथों में बेच दिया गया। कांकेर खदानों को बेच दिया। क्या गारंटी है कि बस्तर के संसाधन पूंजीपति मित्रों को नहीं सौंपे जायेंगे? भाजपा को इसकी गारंटी देनी चाहिये है। लेकिन भाजपा सरकार ने नक्सलवाद के आड़ में अपने चेहते उद्योगपतियों के लिये संसाधनों को लूटने के लिये रास्ता खोला है। तोखन साहू को बस्तर के बारे में कुछ पता नही और बयान दे रहे है हमे बस्तर में शांति चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार और उड़ीसा में भी भाजपा की सरकार है, तब भी यहां के लोगो को इंद्रावती का पानी क्यों नहीं मिल रहा है? सरकार इस मामले में बिल्कुल गंभीर नहीं है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जल समझौते के अनुसार दोनो राज्यो को 50-50 प्रतिशत पानी मिलना चाहिये, लेकिन साय सरकार के निकम्मेपन के चलते उड़ीसा को 80 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ को 20 प्रतिशत पानी मिल रहा है। क्या 20 प्रतिशत पानी बस्तर के लिये पर्याप्त है? इसलिये इंद्रावती नदी को बचाने के लिये हम बड़ी लड़ाई लड़ेंगे, इन्हीं मुद्दों को लेकर हम पदयात्रा के रूप में सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब हमारी सरकार थी तो हमने प्रस्वात रखा था की बैराज बने, इस मामले में डबल इंजन की सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। अगर सरकार बैराज बनाती है तो आने वाले सालों तक बस्तर में पानी की कमी नहीं होगी। कांग्रेस पार्टी ने जब आंदोलन किया तब सरकार हरकत में आयी और शासन और प्रशासन ने पानी छोड़ने का काम किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कश्मीर की घटना पूरे देश की लिये स्तब्ध करने वाली है, निंदनीय है। सुरक्षा के लेकर बहुत सारे सवाल खड़ा हुआ है? इतने सुरक्षित एरिया में बिना चेकिंग के आगे नही बढ़ सकते है तो वहां हथियार कहां से आया? पुलवामा हमला हुआ उसमें 350 किलोग्राम आरडीएक्स कहां से आ गया यह बहुत बड़ा सवाल है? सुरक्षा देने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। यह सरकार की नाकामी है। कही न कही यह घटना साजिश भी हो सकती है।

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