रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने माओवादियों से शांति वार्ता का प्रस्ताव रखते हुए कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार माओवादी संगठनों से अपील की है कि वे हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। सरकार उनकी पुनर्वास और राहत के लिए नई नीति लाई है, लेकिन अगर नक्सली हथियार उठाकर हिंसा करेंगे, तो सुरक्षा बल उनसे सख्ती से निपटेंगे।
श्री साव ने यह भी साफ किया कि बीजापुर में चल रहे ऑपरेशन के बाद माओवादी संगठनों में डर का माहौल है। पिछले 15 महीनों में सुरक्षा बलों ने कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं। प्रदेश को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
शिक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: युक्तियुक्तकरण से बढ़ेगी गुणवत्ता
उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी और अनुपातहीनता पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। युक्तियुक्तकरण के जरिए सभी स्कूलों में समान शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आगामी शिक्षण सत्र में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कांग्रेस पर हमला: पहलगाम हमले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अरुण साव ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहा है। केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत जम्मू कश्मीर का दौरा किया। सर्वदलीय बैठक में सभी ने सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। ऐसे में सत्र बुलाने की मांग राजनीति के अलावा कुछ नहीं है।