जगदलपुर। बस्तर की जीवनरेखा कही जाने वाली इंद्रावती नदी के अस्तित्व पर संकट गहराने के मद्देनजर कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) चीफ दीपक बैज के निर्देश पर 28 अप्रैल से बस्तर के प्रभावित किसानों के साथ मिलकर “इंद्रावती बचाओ अभियान” शुरू किया जाएगा।
सुशील मौर्य ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते बस्तर का लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में है और इंद्रावती नदी सूखने के कगार पर पहुंच गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतागण, कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक संगठन, व्यापारी, अन्य राजनीतिक दल और शहरवासी मिलकर बड़ी लड़ाई लड़ेंगे।
चित्रकोट से जगदलपुर तक विशाल पदयात्रा
कांग्रेस 28 अप्रैल को चित्रकोट के लोहंडीगुड़ा से विशाल पदयात्रा की शुरुआत करेगी जो जगदलपुर तक चलेगी। इसके बाद 30 अप्रैल को कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर सरकार को जगाने का प्रयास किया जाएगा। इस आंदोलन का मकसद इंद्रावती नदी के संरक्षण, किसानों को हुए फसल नुकसान का मुआवजा दिलाना, बस्तर में भीषण जलसंकट से निपटना और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करना है।
सरकार पर गंभीर आरोप
सुशील मौर्य ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह बस्तर की सुंदरता, जल, जंगल और जमीन के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दोनों बस्तर से हैं, फिर भी इंद्रावती से जुड़े किसानों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। मटनार और देउरगांव बैराज को अब तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है और ओडिशा सरकार पर खातिगुड़ा डैम से पानी छोड़ने का भी कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है।
महत्वपूर्ण मांगे
कांग्रेस ने मांग की है कि मटनार, देहरगांव और नगरनार बैराज पर जल्द से जल्द कार्य शुरू हो, किसानों के फसल नुकसान का सर्वेक्षण कर उन्हें मुआवजा दिया जाए, और इंद्रावती नदी में स्थायी जलप्रवाह सुनिश्चित किया जाए।