प्राचार्य और शिक्षक नही रहते मुख्यालय में – स्वाधीन जैन

0  डीईओ की भूमिका संदिग्ध, आरोपी के साथी को ही बना दिया जांचकर्ता 

दल्ली राजहरा। डौंडी विकासखंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। शासन द्वारा कई सरकारी योजनाओं के तहत अध्यापन कार्य कराया जाता है, किंतु कई शालाओं के संस्था प्रमुख रायपुर, दुर्ग, धमतरी, भिलाई से आना जाना करते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अल्पसंख्यक मोर्चा के स्वाधीन जैन ने जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र देकर अवगत कराया है कि विगत दिनों इसी प्रकार शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला पथराटोला के प्रधानपाठक की शिकायत हुई थी, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी बालोद द्वारा रायपुर, दुर्ग भिलाई से ही आने वाले प्राचार्या को जांचकर्ता बनाया गया जिनके द्वारा 22 अप्रैल को शाला की संस्था प्रमुख की कुछ बिंदुओं पर जांच की गई। इस जांच में जनपद सदस्य, संरपंच एव पंचों का अभिमत नहीं लिया गया। यह आश्चर्य का विषय है कि संस्था प्रमुख को बचाने के लिए जांच से ग्रामीणों को अलग रखा गया। स्वाधीन जैन ने सवाल उठाया है कि ऐसे संस्था प्रमुखों को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्यों संरक्षण दिया जा रहा है, जो कि अपना मुख्यालय कार्य स्थल में ही दिखाकर गृह‌भाड़ा भी लेते हैं और अपना आवेदन अपने करीबी साथी शिक्षक को देकर वापिस आकर पंजी में हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेते हैं।उक्त प्रधानपाठिका को कई बार कारण बताओ नोटिस जारी हो चुका है, किंतु जांचकर्ता द्वारा लीपापोती करना, ग्रामीणों का अभिमत नहीं लेना जिला शिक्षा अधिकारी बालोद की संलिप्तता को दर्शाता है।डौण्डी ब्लाक के कई कर्मचारी जैसे पथराटोला हाइस्कूल की प्राचार्य और भी कई शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रतिदिन बाहर से ही आना जाना करते हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए शासन से गृह भत्ता भी लेते हैं। जबकि प्रदेश में छत्तीसगढ़ शासन विष्णु देव साय का सुशासन एक तरफ शिक्षा स्तर को मजबूत करने में लगा है, वहीं बालोद के डीईओ शासन मंशा पर पानी फेर रहे हैं। मुख्यालय कार्यस्थल मे ही रखने संबंधी शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाते डौंडी ब्लाक के कर्मचारियों को देखा जा सकता है। शासन के धन का एक बड़ा हिस्सा ऐसे ही भगोड़ों पर उड़ जाता है और जनता देखती रह जाती है। गौरतलब बात यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा ऐसे व्यक्ति को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनके खिलाफ शिकायत हुई है। उनके साथ ही रोज वह भी आना-जाना करते हैं। दुर्ग भिलाई ,रायपुर से साथ मे एक ही वाहन क्रमांक सीजी 07 एमबी 1051 सूमो वाहन से आना जाना करते हैं। ऐसे में जांच निष्पक्ष किस प्रकार होगी इसे आसानी से समझा जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी बालोद के संरक्षण में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो जाती है और रोज समय पर आने वाले कर्मचारियों का हाल बेहाल। स्वाधीन जैन ने कलेक्टर से मांग की है कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों पर सख्ती की जाए एव कर्मचारियों के खिलाफ हुई शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

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