छत्तीसगढ़ में नकली शराब रैकेट का भंडाफोड़: टाटीबंध से बीरगांव तक फैला जाल, ढाबा से लेकर प्रिंटिंग प्रेस तक मचा हड़कंप!

रायपुर। राजधानी रायपुर में अवैध शराब कारोबारियों की नींद अब उड़ी हुई है! आबकारी विभाग की टीम ने नकली होलोग्राम और शराब की अवैध बिक्री के एक बड़े रैकेट का खुलासा कर पूरे शहर को चौंका दिया है। टाटीबंध से बीरगांव तक फैले इस नेटवर्क में ढाबा संचालक और एक प्रिंटिंग प्रेस का मालिक गिरफ्तार हुआ है, जिनके पास से हजारों की संख्या में नकली होलोग्राम, लेबल और शराब से जुड़ा अवैध सामान बरामद किया गया।

20 अप्रैल 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर सहायक जिला आबकारी अधिकारी जेबा खान की अगुवाई में टाटीबंध बायपास स्थित बी.एच. ढाबा पर दबिश दी गई। ढाबा के पीछे की कहानी जब सामने आई तो अफसर भी दंग रह गए—यह सिर्फ खाना नहीं, नकली शराब का जखीरा परोस रहा था!

ढाबा संचालक सकंटमोचन सिंह उर्फ शंकर सिंह के पास से बरामद हुआ:

  • 105 ढक्कन (वेलकम डिस्टलरीज प्रा. लि., बिलासपुर अंकित)

  • 3 ढक्कन (छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लि., कुम्हारी अंकित)

  • 165 स्पंज वाइजर

  • 1,150 नकली “शोले मसाला देशी मंदिरा” स्टिकर

  • 35 शीट में फैले कुल 1,460 नकली होलोग्राम

पूछताछ में सकंटमोचन ने कबूल किया कि ये नकली सामग्री बीरगांव स्थित लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स की श्री गणेश प्रिंटर्स से ली गई थी। इसके बाद टीम ने जब वहां छापा मारा, तो खुला एक बड़ा राज़…

प्रिंटिंग प्रेस बना था नकली होलोग्राम की फैक्ट्री!
प्रेस के मालिक गणेश चौरसिया की दुकान से बरामद हुए:

  • 371 शीट में कुल 40,068 नकली होलोग्राम

  • नकली होलोग्राम डिज़ाइन की पेन ड्राइव

  • लेन-देन से जुड़ा मोबाइल फोन

इन होलोग्राम्स की खास बात ये थी कि ये बिल्कुल वैसी ही दिखते थे जैसे शासकीय मुद्रणालय द्वारा जारी असली सुरक्षा होलोग्राम। यानी सीधे सरकार के साथ बड़ा धोखा!

कानूनी शिकंजा कस चुका है
दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 318 और 336(3) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है। आबकारी विभाग अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में है।

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