सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा से एक बड़ा और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। जंगलों में दशकों से हिंसा का रास्ता अपनाने वाले नक्सलियों ने अब शांति वार्ता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उत्तर-पश्चिम सब ज़ोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने सरकार के नाम एक पत्र जारी कर एक महीने के युद्धविराम का औपचारिक प्रस्ताव रखा है।
रूपेश ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का आभार जताते हुए कहा कि मेरे पहले बयान पर जिस तरह उपमुख्यमंत्री ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और सुरक्षा की गारंटी के साथ इस पहल को आगे बढ़ाने की अनुमति दी, वह सराहनीय है।
रूपेश ने अपने संगठन की ओर से शांति वार्ता के प्रतिनिधियों को तय करने के लिए शीर्ष नेतृत्व से मिलने की आवश्यकता बताई है और इसी कारण एक महीने तक सशस्त्र बलों के ऑपरेशनों पर पूर्ण विराम की मांग की है।
फिलहाल जवाब नहीं, लेकिन सब याद है!
पत्र में रूपेश ने यह भी लिखा कि भाजपा और कांग्रेस नेताओं द्वारा उनके बयान पर दी गई तीखी प्रतिक्रियाओं पर वह इस वक्त कोई जवाब नहीं देंगे, क्योंकि उनका पूरा ध्यान फिलहाल शांति प्रक्रिया पर है। लेकिन उन्होंने यह भी इशारा किया कि वे सब कुछ याद रखे हुए हैं और समय आने पर इसका जवाब भी मिलेगा।