देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में बदलाव की बयार, बड़ेसेट्टी ग्राम पंचायत हुई नक्सल सदस्य मुक्त

0  बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग: उपमुख्यमंत्री शर्मा 
0 एक करोड़ रुपए के विकास कार्यों की हकदार बनी बड़ेसेट्टी पंचायत 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। देश के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में भी अब बदलाव की बयार बहने लगी है। यहां केंद्र और राज्य सरकार की पहल के शानदार नतीजे सामने आ रहे हैं।सुकमा जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसेट्टी प्रदेश की पहली नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत बनने का गौरव हासिल कर चुकी है। इसी के साथ यह पंचायत अब एक करोड़ रुपए के विकास कार्यों का हकदार भी बन गई है। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने सुकमा जिले में 11 सक्रिय नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक बताया है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के समाधान के लिए जिस संवेदनशील और दूरदर्शी नीति को अपनाया है, उसका परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। आज का आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि विश्वास, पुनर्वास और विकास की त्रिस्तरीय रणनीति से नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिल रही है।गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा- मैं आत्मसमर्पण करने वाले सभी का स्वागत करता हूं और उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूं।छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति- 2025 एवं नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत आज सुकमा जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी से कुल 11 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में आत्मसमर्पण किया। इस प्रकार बडेसट्टी ग्राम नक्सल सदस्य मुक्त होने वाला प्रदेश का पहला ग्राम पंचायत होगी। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यो की स्वीकृति मिलेगी।

पूरे प्रदेश को मिला बड़ा संदेश

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना, पुलिस जवानों की सतत उपस्थिति, नक्सली संगठनों की क्रूरता और भेदभाव तथा शासन की नई नीतियों से मिले भरोसे से मिली यह सफलता न केवल बड़ेसट्टी पंचायत के लिए, बल्कि समूचे सुकमा और बस्तर अंचल के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि अब बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है, निश्चित रूप से बस्तर सहित पूरे प्रदेश की ग्राम पंचायतें अब नक्सलमुक्त हो जाएंगी। नक्सलमुक्त होते ही ग्राम पंचायत का भी विकास होगा। नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत ऐसी ग्राम पंचायतों को जहां से सभी सक्रिय नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं, उसे नक्सल-मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाता है। शासन की इस योजना के अंतर्गत ऐसे ग्राम पंचायतों को एक करोड़ की राशि निर्माण कार्यों हेतु तत्काल स्वीकृत की जाती है। यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, सामुदायिक भवन जैसे प्राथमिक ढांचे के विकास में व्यय की जाती है, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके। आत्मसमर्पित नालंस्लियों में से चार पर दो-दो लाख रुपए और एक पर पचास हजार रुपये समेत 8.50 लाख का इनाम घोषित था। सभी आत्मसमर्पि नक्सलियों को पुनर्वास नीति के अंतर्गत 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि, वस्त्र और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं हैं। शासन द्वारा उन्हें आगे स्वरोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनःस्थापन की दिशा में हर संभव सहायता दी जाएगी।

शर्मा के सुकमा दौरे की उपलब्धि

उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा बस्तर संभाग के सर्वाधिक नक्सलग्रस्त सुकमा और बीजापुर जिलों का लगातार दौरा करते रहे हैं। छत्तीसगढ़ को सबसे ज्यादा नक्सली देने वाले सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का भी दौरा श्री शर्मा कर चुके हैं। यह कुख्यात नक्सली हिड़मा का गृहग्राम है। पूवर्ती में नक्सली किसानी भी करते हैं और वहां उनके परिजन रहते हैं। पूवर्ती के पास ही सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित हो चुका है, जहां जवान नक्सलियों और उनके परिजनों के बच्चों को पढ़ाई के लिए कोचिंग देते हैं। सीआरपीएफ के डॉक्टर्स और मेडिकल टीम पूवर्ती के ग्रामीणों का इलाज करते हैं। यह मेडिकल टीम कुख्यात नक्सली हिड़मा की बुजुर्ग मां का भी इलाज कर चुकी है। गृहमंत्री विजय शर्मा पूवर्ती में जमीन पर बैठकर ग्रामीणों की चौपाल लगा चुके हैं। इसके अलावा विजय शर्मा इन दोनों जिलों के दूरस्थ नक्सलग्रस्त कई गांवों में बाइक पर बैठकर भी जा चुके हैं।

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