रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में मंगलवार रात को ऐसा खौफनाक मंजर देखने को मिला, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। एक शांत और सुरक्षित इलाके में एक मां और बेटी अपने घर में सो रही थीं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी नींद से पहले किसी के खून से सनी रात होगी। एक किराना दुकानदार, जो रोज उनके घर के पास बैठता था, रात के अंधेरे में चुपके से उनके घर में घुसा और बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। और फिर वह खून के सारे निशान मिटाने के बाद ट्रेन पकड़कर फरार हो गया।
मामला पुसौर थाना क्षेत्र के संवरा पारा का है, जहां 15 अप्रैल को उर्मिला संवरा (50 वर्ष) और उनकी बेटी पूर्णिमा (24 वर्ष) के शव एक निर्माणाधीन मकान में मिले। इलाके में हड़कंप मच गया, और पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस टीम ने त्वरित जांच शुरू की। फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वॉड और साइबर सेल की मदद से जांच में जुटी पुलिस ने महज 48 घंटों में इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझा दी।
पूछताछ के दौरान आरोपी शुभम सेठ (20 वर्ष), जो मृतिका के घर के पास किराना दुकान चलाता था, ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि पूर्णिमा से उसका विवाद चल रहा था, और इसी कारण उसने हत्या की योजना बनाई। 14 अप्रैल की रात शुभम छत के रास्ते घर में घुसा और लकड़ी के खुरे से पूर्णिमा पर हमला कर दिया। जब मां उर्मिला ने बचाव करने की कोशिश की, तो आरोपी ने उन पर भी खुरे और क्रिकेट बैट से हमला कर दिया। दोनों को हत्या के बाद पास के निर्माणाधीन मकान में ढक दिया और खून के निशान धोकर जनशताब्दी ट्रेन से रायपुर भाग गया।
पुलिस ने आरोपी के मेमोरेंडम पर खून से सने कपड़े, खुरा, क्रिकेट बैट और अन्य अहम सबूत बरामद किए हैं। आरोपी शुभम सेठ को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया गया है।
यह मामला न केवल रायगढ़ बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन चुका है, जहां एक किराना दुकानदार ने एक परिवार को इस तरह से खत्म कर दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस कांड को महज 48 घंटों में सुलझा लिया, लेकिन इस जघन्य हत्या ने सबको हिला कर रख दिया है।