भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव का बड़ा हमला: कांग्रेस का धरना प्रदर्शन क्या न्यायपालिका पर दबाव डालने की साजिश?

रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए सवाल उठाया है कि कांग्रेस पार्टी के लोग ईडी की जांच को लेकर धरना-प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं, जब कानून अपना काम कर रहा है। देव ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा क्या गांधी परिवार पर कोई कानून लागू नहीं होता? क्या वे देश के कानून से बड़े हैं?

कांग्रेस की धरना राजनीति पर कड़ी आलोचना
नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद कांग्रेस द्वारा देशभर में किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कांग्रेस को देश की न्यायपालिका पर दबाव डालने की साजिश के रूप में धरना-प्रदर्शन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह संविधान और कोर्ट की अवमानना है।

कांग्रेस पर गंभीर आरोप
देव ने कांग्रेस के धरने को अपराध संरक्षण का हथियार बताया। उन्होंने कहा कि यह किसी नई बात की तरह नहीं है, कांग्रेस हमेशा से झूठ फैलाकर जनता का ध्यान भटकाने का काम करती आई है, खासकर लोकसभा चुनावों के बाद। अब नेशनल हेराल्ड मामले में जब कांग्रेस के नेताओं का नाम शामिल हुआ है, तो कांग्रेस उसे झकझोर देने वाला षड्यंत्र बताकर जनता को भ्रमित करने में लगी हुई है।

कांग्रेस से भाजपा के 5 सवाल
किरण देव ने कांग्रेस से 5 तीखे सवाल किए:

  1. कहाँ कानून अपना काम कर रहा है, वहाँ कांग्रेस धरना-प्रदर्शन क्यों करना चाहती है?
  2. क्या गांधी परिवार पर कोई कानून लागू नहीं होता?
  3. क्या गांधी परिवार के लोग देश के कानून से बड़े हैं?
  4. जब मामला कोर्ट में चल रहा है तो प्रदर्शन करना क्या संविधान और कोर्ट की अवमानना नहीं है?
  5. क्या गांधी परिवार के लोग प्रदर्शन करवाकर न्यायपालिका पर दबाव डालना चाहते हैं? क्या यह संवैधानिक है?

क्या कांग्रेस ने गैरकानूनी तरीके से जमीन और फंड लूट लिया?
भाजपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सवाल किया है कि जब हजारों करोड़ की संपत्ति पर कांग्रेस का कब्जा है, तो क्या यह गैरकानूनी तरीके से किया गया है? क्या अब इस मामले पर चुप रहना चाहिए?

कांग्रेस को मिला एक और बड़ा झटका
किरण देव ने यह भी कहा कि कांग्रेस ईडी की जांच को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है, लेकिन राहत नहीं मिली। अब वे अपने वकील के माध्यम से अदालत में पेश हो रहे हैं, लेकिन उनके पास संतोषजनक जवाब नहीं है।

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